Intrinsic value in Hindi | आंतरिक मूल्य क्या है जाने हिंदी में

Intrinsic value in Hindi: यहाँ हमने आपसे किसी भी स्टॉक की Intrinsic value क्या होती है और उसे कैसे काउंट किया जाता है उस पर जानकारी दी है|

Intrinsic value in Hindi

अगर आप किसी स्टॉक या कंपनी में निवेश करते है और आपको फंडामेंटल एनालिसिस के आधार पर स्टॉक में निवेश करना है तो आपको आंतरिक मूल्य(Intrinsic Value) को समजना चाहिए| यहाँ हमने आपसे किसी भी कंपनी या स्टॉक की आतंरिक वैल्यू (Intrinsic value) क्या होती है और उसे कैसे निकलते है उस पर जानकारी दी है|

What is Intrinsic value in Hindi?

आतंरिक वैल्यू से हम किसी भी सम्पति का वास्तविक मूल्य निकाल सकते है| और यह बाजार वैल्यू जितनी हो ऐसा आवश्यक नहीं है अर्थात वह बजार वैल्यू से कम या अधिक हो सकता है|आतंरिक वैल्यू फंडामेंटल एनालिसिस का एक हिस्सा है, जिसके माध्यम से निवेशक स्टॉक का मूल्याङ्कन करते है, साथ ही विकल्प मूल्य निर्धारण में भी इसका उपयोग किया जाता है।

स्टॉक के आप्शन ट्रेडिंग में आतंरिक वैल्यू(Intrinsic value) वर्तमान कीमत और आप्शन के स्ट्राइक मूल्य के बीच का अंतर है |

What are the types of Intrinsic value calculation Method in Hindi?

Intrinsic value calculation करने की मुख्य तिन मेथड है| यहाँ हमें आपके साथ तीनो मेथड के बारे में जानकारी दी है

  • Discounted Cash Flow and Intrinsic Value
  • Market Risk and Intrinsic Value
  • Intrinsic Value of Options Contracts

Discounted Cash Flow and Intrinsic Value

यह Model कंपनी की आतंरिक वैल्यू की गणना करने के लिए सबसे अधिक उपयोग में ली जाती है| इसमे कंपनी के Free Cash Flow और weighted average cost of capital (WACC) का उपयोग किया जाता है| weighted average cost of capital (WACC) का अर्थ है की निवेशक अपने निवेश मूल्य पर जो भी रिटर्न की अपेक्षा रखता है| किसी भी कंपनी में रिटर्न, Risk-free rate से अधिक होना चाहिए जिससे कम्पनी का ग्रोथ होता है|

Market Risk and Intrinsic Value

किसी भी कंपनी के आतंरिक मूल्य की गणना में कई तरह की अनुमान और धारणाएं होती है| किसी भी फंडामेंटल एनालिस्ट यह नहीं जान सकता की कंपनी का मैनेजमेंट कैसा है और वह कैसा काम कर रहा है| बाजार में वैल्यूएशन के लिए “Beta” का उपयोग किया जाता है| बीटा के द्वारा स्टॉक की अस्थिरता को देखा जाता है| जब भी किसी स्टॉक की बीटा वैल्यू १ से अधिक हो तब उसमे अस्थिरता अधिक देखने को मिलती है| जब की १ से कम बीटा वालो में यह कम देखने को मिलता है|

Intrinsic Value of Options Contracts

आप्शन कॉन्ट्रैक्ट में भी आतंरिक वैल्यू का उपयोग होता है| जब भी कोई किसी आप्शन में IN-THE-MONEY स्ट्राइक प्राइस में कितना प्रॉफिट हो रहा है उसे देखने के लिए Intrinsic Value का उपयोग किया जाता है|

कॉल और पुट में आतंरिक मूल्य स्टॉक की कीमत और स्ट्राइक की प्राइस के बिच का अंतर है| इसे समजने के लिए Call Option, Put Option, In the Money(ITM), Out The Money(OTM), और At The Money(ATM) को समजना चाहिए|

Pros and Cons of Intrinsic value in Hindi?

Intrinsic value को अच्छे से समजने के बाद अब हम उसके Pros और Cons को समजते है| यहाँ निचे हमने आपसे उसके Pros और Cons की जानकारी दी है|

Pros

  • आंतरिक मूल्य किसी संपत्ति, निवेश या कंपनी के मूल्य को निर्धारित करने में मदद करता है।
  • आंतरिक मूल्य एक विकल्प अनुबंध में मौजूद लाभ की मात्रा प्रदान करता है।

Cons

  • कंपनी के आंतरिक मूल्य की गणना व्यक्तिपरक है क्योंकि यह जोखिम और भविष्य के नकदी प्रवाह का अनुमान लगाती है।
  • एक विकल्प का आंतरिक मूल्य अधूरा है क्योंकि इसमें भुगतान किया गया प्रीमियम और समय मूल्य शामिल नहीं है।

यहाँ हमने आपसे आतंरिक वैल्यू( Intrinsic value) इ जानकारी दी है जिसमे उसके टाइप्स और Pros और Cons की जानकारी प्रदान की है| हमें आशा है की आपको हमारी यहाँ दी गयी जानकारी ”Intrinsic value in Hindi” पसंद आई होगी|

Leave a Comment