हाल ही में भारत सरकार के द्वारा नई शिक्षा निति 2020(New Education policy 2020) को पब्लिश किया है| आज के इस लेख के माध्यम से हम आपको इस निति के बारे में सब इनफार्मेशन देंगे| इससे आपको इस New Education policy को समजने में आसानी होगी|
History of Education policy in India
भारत में पहली बार शिक्षा निति 1968 में लागू की गयी थी| यह कोठारी कमीशन(Kothari Commission) के आधार पर लायी गयी थी| इस पालिसी में radical restructuring पर जोर दिया गया था| और three language formula पहली बार यहाँ से लागू किया गया था|
बाद में दूसरी National Education policy भारत में 1986 में आयी थी| इस पालिसी में मुख्यत्वे सबको सामान तक प्राप्त हो उसे आधार बनाका कर लाया गया था| यह राजिव गाँधी सरकार के द्वारा लायी आगयी थी जिसमे child-centred approach रखा गया था| संस्कृत भाषा को अध्ययन में इस पालिसी के द्वारा शामिल किया गया था| भारत के GDP का 6% शिक्षा में खर्चा किया जाएगा ये भी इस समय तय किया गया था|
तीसरी बार भारत में शिक्षा निति 1992 में आयी थी| लेकिन इसमे इतने बहोत बदलाव नहीं थे| लेकिन थोड़े बहोत जो सुधार की आवश्यकता थी वह किये गए थे| उस समय PVR Narsimha Rao की सरकार थी| कॉमन एंट्रेंस एग्जाम को इसी पालिसी के द्वारा लाया गया था|
हाल ही में भारत सरकार के Ministry of Human Resource Development के द्वारा नयी शिक्षा निति 2020(National Education policy 2020) का ड्राफ्ट पेश किया गया है| जिसमे 10+2 की सिस्टम को बदल कर नयी सिस्टम 5+3+3+4 को लागू किया गया है|
Detail of National Education policy 2020 in Hindi
भारत में अभी तक जो भी निति चल रही थी वह 1992 के थोड़े बहोत सुधार के साथ 1986 की चल रही थी| लेकिन 2020 में जो निति आने वाली है वह स्कूल में शिक्षा, शिक्षण और मूल्यांकन प्रणाली में बहोत बड़े बदलाव करने वाली है| अभी इस निति में तकरीबन 6 महत्वपूर्ण पहलू पर जोर दिया जाने वाला है|
- School Education
- Language
- Higher Education
- Technology
- Finance
- Implementation
आज के इस लेख में हम आपसे इस विषय के महत्वपूर्ण पहलु को विशेष रूप से समजायेंगे क्योंकि पूरी शिक्षा निति को यहाँ पर समजाना मुश्किल है|
School Education in NEP 2020
स्कूल एजुकेशन में बहोत ही बड़े बदलाव किये जाने है| अभी जो सिस्टम चल रहा है वह 10+2 चल रहा है| लेकिन नयी निति में इसे बदल कर 5+3+3+4 कर दिया गया है|
इसमे शुरूआती 5 साल में 3 वर्ष pre-primary और बाकी के दो वर्ष इसमे कक्षा 1 और कक्षा 2 को शामिल किया गया है| इसे foundation stage भी कहा जा सकता है|
Preparatory stage में 3 साल है| जो की कक्षा 3, कक्षा 4, और कक्षा 5 को शामिल करता है|
Middle stage में भी 3 साल की पढाई होगी| इसमे कक्षा 6, कक्षा 7, कक्षा 8, को शामिल किया जाएगा|
secondary stage में 4 साल की पढाई होगी| और इसमे कक्षा 9, कक्षा 10, कक्षा 11, और कक्षा 12 को शामिल किया गया है| यहाँ विद्यार्थी अपनी पसंद का विषय चयन कर सकता है| 1992 की निति के चलते यह 10वि बोर्ड के बाद विद्यार्थी को पसंदगी के आप्शन दिए जाते थे| लेकिन अब यह नौवी क्लास में ही उसे पसंद के विषय पढ़ने का विकल्प दिया जाएगा|
What about Board Exam According to NEP 2020?
new shiksha niti 2020 के चलते बोर्ड के एग्जाम में कोई बड़े बदलाव नहीं है| लेकिन उसकी महत्वता में अब पहले से अधिक बदलाव है| पहले के मुकाबले अब बोर्ड की अहमियत को कम कर दिया जाएगा|साथ एग्जाम पैटर्न में भी कुछ बदलाव आ सकता है| जो प्रैक्टिकल एप्लीकेशन पर आधारित हो सकता है|
हर साल दो बार बोर्ड एग्जाम आएगा जिसमे अगर पहलीबार में कम मार्क्स आने पर दूसरी बार भी एग्जाम दिया जा सकता है| साथ हर विषय में आपको पसंदगी भी दी जायेगी की आप किस level तक पढ़ना चाहते है| अगर आप किसी बिषय में कमजोर है तो उसे आप basic level तक भी पढ़ सकते है|
पहले के 10वि बोर्ड के बाद जो तिन स्ट्रीम होती थी उसे बंद कर दिया जाएगा| और कोई भी विद्यार्थी जो भी विषय को पढ़ना चाहते है उसे पढ़ सकता है| मतलब की अब आर्ट्स का विद्यार्थी होकर भी साइंस का कोई सब्जेक्ट पसंद कर सकता है| साथ ही साइंस का भी कोई विद्यार्थी कॉमर्स का भी कोई सब्जेक्ट पसंद कर सकता है|
यह सभी बदलाव कब तक लागू किये जा सकते है?
new shiksha niti 2020 के ड्राफ्ट के आधार पर देखे तो यह 2022-2023 के आसपास लागू करने का विचार है| यह एक बड़ी पालिसी है| जिस लागू करने में कई बदलाव की आवश्यकता होती है| संविधान में बदलाव से लेकर सिलेबस में बदलाव और टीचर की ट्रेनिंग जैसे कई बदलाव की आवश्यकता होती है| Nai shiksha niti 2020 को लागू करने के लिए मिनिमम 3 साल लग सकते है|
Some Important Point of National Education policy 2020
अब हम आपको Nai Education policy 2020 के कुछ महत्वपूर्ण पॉइंट दे रहे है| जिसे यह पालिसी समजने में आसानी हो|
- विद्यार्थी प्रति शिक्षक का रेश्यो 30:1 करना|
- Diksha portal को अच्छे से उपयोग कर टीचर को सुद्रढ़ बनाया जाए|
- Gross Enrolment ratio को secondary school में 100% और Higher education में 50% तक किया जाए|
- शिक्षा मुख्यत्वे मातृभाषा में होनी चाहिए|
- Three Language system के आधार पर मुख्यत्वे तिन भाषा बच्चो को पढाई जायेगी| लेकिन उसमे से 2 भाषा भारतीय होनी आवश्यक है|
Higher Education के लिए भी बड़े बदलाव है| जो हम आपको आगे के लेख में देंगे|
निषकर्ष
यह पालिसी कई तरह से काफी अच्छी है तो कई लोग इसको अच्छी नहीं भी मानते| हमें आशा है की आपको हमारे द्वारा दी गयी नई शिक्षा निति 2020( New Education policy 2020) पर की इनफार्मेशन पसंद आयी होंगी|
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