क्या 5G से कोरोना वायरस फैला है? | क्या 5G टेस्टिंग से हो रही है पक्षिओ की मौत?

पिछले कुछ दिनों से आपने सोशल मीडिया में ऐसी बहोत सी खबर को देखा होगा जिसमे बढ़ते कोरोना वायरस और पक्षिओ की मौत के लिए 5G टेस्टिंग को जिम्मेदार बताया गया है| क्या आप भी ऐसा मानते है की सही में कोरोना का इतना फैलाव या पक्षीओ की मृत्यु और संख्या कमी में 5G जिम्मेदार है? अगर मानते है तो आपके लिए यह लेख पढ़ना बहोत ही आवश्यक है| इस लेख के माध्यम से हम आपको इन दोनों विषयो में विस्तार से जानकारी देंगे|

क्या 5G टेस्टिंग से हो रही है पक्षिओ की मौत? | 5G Testing kill Birds in Hindi

यह पिछले 3 सालो से एक काफी चर्चा का विषय बना रहा है की मोबाइल टावर और रेडिएशन से पक्षिओ की मौत हो रही है| इसकी शुरुआत लगभग 2018 से हुई थी जब पहली बार 5G टेस्टिंग शुरू हुई थी|

वैज्ञानिक तौर पर आज तक ऐसा कभी भी साबित नहीं हुआ है की पक्षिओ को मृत्यु 5G टेस्टिंग से हो रही है| लेकिन यह खबर पहली बार नेदरलेंड में हुई एक साथ 300 जितने पक्षी की मृत्यु से वायरल हुई थी| 2018 में नेदरलेंड में 300 s जितने स्टारलिंग नामक चिड़िया की मौत हो गयी थी और इसी वर्ष 5G टेस्टिंग भी शुरू हुई थी| किसी व्यक्ति ने फेसबुक और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म में यह फैला दिया की 5G टेस्टिंग से ही स्टारलिंग नामक चिड़िया की मौत हुई है| दरअसल वह बिलकुल गलत था क्योंकि बाद में उन मरी हुई स्टारलिंग चिड़िया पर रिसर्च किया गया तब पता चला की वह एक जहरी पदार्थ पेरी को खा कर आयी थी|

पिछले साल बर्ड सर्वे ऑफ़ इंडिया में भी इस बात की पृष्टि की है की मोबाइल टावर के माध्यम से किसी भी चिड़िया को कोई नुकशान नहीं होता है और नाही उनकी संख्या भी इस वजह से घटी है|

आज तक ऐसा कभी भी वैज्ञानिक सर्वे और रिसर्च के आधार पर साबित नहीं हुआ है की मोबाइल टावर के रेडिएशन से पक्षी को नुकशान होता है|

व्यंग: कुछ लोग होते है जिन्हें जिस थाली में खाते है उसी में थूकने की आदत होती है| क्योंकि ये सभी वो  लोग ही है जो 4G का उपयोग कर रहे है 5G का बेसब्री से इंतजार|

क्या 5G से कोरोना वायरस फैला है? | 5G Testing spread Corona in Hindi

अगर आप ऐसा मानते है की 5G टेस्टिंग से कोरोना फ़ैल रहा है तो आपसे बड़ा कोई मुर्ख नहीं, जी हा !!!

यह वही लोग हो जिन्होंने मोबाइल टावर के रेडिएशन से पक्षी को नुकशान होता है वाली बात को फैलाया था| जैसे कोरोना वायरस अपना रूप और डीएनए बदलता है वैसे ही ये लोग नए नए तरीके लेकर आते रहते है| पहले उन्होंने पक्षी को निशाना बनाया लेकिन बाद में जब वह मुद्दा शांत हो गया तब कोरोना की आड़ में सारा खेल शुरू कर दिया है|

5G टेस्टिंग में उपयोग में लिए जाने वाले तरंग इलेक्ट्रोमैग्नेटिक होते है जिसे वायरस के साथ दूर दूर तक कोई सम्बन्ध नहीं है| इलेक्ट्रोमैग्नेटिक तरंग कभी भी कोरोना न तो फैला सकता है और न तो उसका कैरियर बन सकता है| इसी लिए ऐसी भ्रामक अफवाहों से दूर रहे| क्योंकि ये सब फैलाने वाले अपने पोस्ट को लाइक और शेयर को बढाने के लिए आपके इमोशन के साथ खेल रहे है|

आशा है की आपको दोनों तर्क उचित लगे होगे| अगर आपको इस विषय में कोई भी प्रश्न है तो हमें कमेंट करके अवश्य बताये| अगर आप हमारी बात से सहमत है तो इसे अधिक से अधिक लोगो के साथ शेयर करे|

स्वस्थ्य रहे सुरक्षित रहे

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