Biography of safin Hasan : Youngest IPS of India
आज हम Biography of safin Hasan को बताने जा रहे है जो युवा हर कोई व्यक्ति जो सपने को देखता है और पूरा करने की चाहत रखता है उसके लिए काफी Inspiration बन सकता है| हम में से अधिकतर लोग safin hasan को जानते है की वह भारत के सबसे कम उम्र में IPS बनने वाले व्यक्ति है लेकिन बहोत से लोगो को उनकी इस सफलता के पीछे की जो स्ट्रगल(मुश्किलें) है वो नहीं पता |
आज के इस लेख Biography of safin Hasan : Youngest IPS of India के माध्यम से safin hasan के जीवन के कुछ ऐसे पल को बताएँगे जिसे आप Inspire हो सके और हमारा इस वेबसाइट का मोटिव “Be Inspired” सार्थक हो सके|
safin Hasan का थोडा परिचय
नाम: Safin Hasan
पिता का नाम : मुस्तफा हसन (Mustafa Hasan)
माता का नाम : नसीमबानू (Naeembanu)
जन्म तारीख : 21 जुलाई 1995
मूल स्थान: कनोदर, पालनपुर(Village: Kanodar, Dist: Palanpur, Gujarat)
भाई का नाम: अस्नैन हसन (Asnain Hasan)
Safin Hasan के बारे में ऐसे तो ज्यादा इनफार्मेशन उपलब्ध नहीं है पर वह मुस्लिम धर्म को मानते है और मुस्लिम धर्म में Julaya caste से आते है| उनके पिता जो की एक इलेक्ट्रीशियन थे| माता शुरुआत में डायमंड के कारीगर के रूप में job करते थे लेकिन बाद में वह शादी की रसोई में रोटियां बनाने जाते थे| उनकी घर की परिस्थिति सामान्य से भी कम थी और बचपन से ही जीवन में स्ट्रगल को बहुत देखा था|
safin Hasan का अभ्यास
उन्होंने अपना पहले क्लास से बारवे क्लास का अभ्यास उनके गाँव की स्कूल S K M High School कनोदर से किया था| दसवीं क्लास में बोर्ड में उन्होंने अपनी महेनत से 92 % हांसिल किये थे| बाद में AIEEE में अच्छा रैंक प्राप्त करने के बाद सूरत की इंजीनियरिंग कॉलेज SVNIT(Sardar Vallabhbhai National Institute of Technology) में एडमिशन लिया और वहा से अपना इंजीनियरिंग पूरा किया|
Safin Hasan का सबसे कम उम्र में IPS बनने की कहानी
Safin Hasan को बचपन से ही जब उनकी स्कूल में एक कलेक्टर आये थे उन्हें देख कर ही बड़ा अधिकारी बनने का विचार आया था| वे मानते है की UPSC को क्लियर करने के लिए सिर्फ पढ़ाई की महेनत काम नहीं आती है उसके लिए अपने आपको उसके अनुसार बनना पड़ता है| जब से उन्होंने वह सोचा की वे बड़े अधिकारी बनना चाहते है तटब से उन्होंने अपने व्यवहार और व्यक्तित्व के उस तरह से बदलाव किया की आगे जाके वाही उनकी सफलता का कारण बना|
बचपन से ही उनकी आर्थिक परिस्थिति अच्छी नहीं थी की वो आगे की पढ़ाई कर सके लेकिन उनके गाँव के एक बिज़नसमैन ने उनकी काफी अच्छी मदद की थी|
वे ऐसा मानते है की एग्जाम की प्रेपरेशन करने के लिए सबके तरीके अलग, यूनिक, और अपने होने चाहिए जो खुद को काफी अनुकूल हो| उन्होंने जब इंजीनियरिंग करने के बाद डेल्ही में UPSC के लिए एडमिशन लिया तब से कभी नोट्स नहीं बनाए थे, वे मानते थे की नोट्स बनाने के क्यों समय की बर्बादी करनी चाहिए जब की हमें न्यूज़पेपर और अलग अलग मैगज़ीन के द्वारा जरूरी डाटा को दे दिया जाता है|
Safin Hasan के जीवन में अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने में क्या क्या तकलीफे आयी और कैसे वे इससे आगे बढे
वैसे तो उनके जीवन में शुरुआत से ही संघर्ष था|उनकी घर की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी इस लिए उनको पैसे की कमी का सामना पहले से ही करना पड़ता था| माता पिता की दिन रात महेनत में भी उन्होंने मदद की थी| उनके पास बचत के रूप में भी काफी कम पैसे थे लेकिनबाद में एक भले बिज़नसमैन के सहारे वो आगे की पढाई पूरी कर सके थे|
जब उन्होंने अपने लक्ष्य को निर्धारित किया की उनको UPSC क्लियर करना है तब उनके सामने और भी एक बड़ी चुनौती थी इंग्लिश (English Language) की| वे बचपन से ही गुजराती मीडियम में पढ़ते थे और इंग्लिश विषय उनको बहोत नहीं आता था| हम सभी जानते है की UPSC जैसी Exam को क्लियर करने के लिए English कितना महत्व रखता है| वो कहते है की इस मुश्किल के लिए उनके पास सिर्फ दो ही रस्ते थे, एक की वह यहाँ से वापिस मुड़ जाए और UPSC की तैयारी से क्विट कर दे या दूसरा की काफी महेनत करे और इंग्लिश विषय को मजबूत करे और आगे बढे| Safin Hasan ने दूसरा रास्ता पसंद किया और इंग्लिश विषय में खुद को इतना काबिल बनाया की बाद में कही पर भी उन्हें इंग्लिश के सम्बंधित समस्याओं को नहीं फेस करना पड़ा|
Safin Hasan अपने एक व्यक्तव्य में कहते है की जब वह अपनी प्रेलिम को क्लियर करने के बाद main का तीसरा पेपर देने जा रहे थे तब रास्ते में उनका एक्सीडेंट हुआ था| उनको एग्जाम 9 बजे देनी थी और एक गहनते पहले वे जब अपना व्हीकल लेकर जा रहे थे तब एक्सीडेंट हुआ था| इस बार भी उनके पास दो रास्ते थे की वह अपनी एक्साम को न देकर पहले अस्पताल जाए और अपने हेल्थ पर ध्यान केन्द्रित करे और दूसरा सस्ता थ की अभी एग्जाम दे और बाद में वह अस्पताल जाए| इस बार भी उन्होंने दूसरा रास्ता अपनाया और अस्पताल जाने की जगह पर वे एग्जाम देने पहुचे|
mains एग्जाम के बाद जब उनको इंटरव्यू(Personality Test) के लिए बुलाया गया तब भी नहे कई तरह की समस्या का सामना करना पड़ा था| उनके interview से एक महीने पहले उन्हें फिरसे अस्पताल में दाखिल किया गया था|
एक महीने अस्पताल में रहने के बाद जब वे ठीक हो गए तो उनके पास सिर्फ एक ही सप्ताह का समय था की वे इंटरव्यू की प्रेपरेशन कर सके| वे अगले ही दिन डेल्ही गए और अपनी प्रेपरेशन शुरू की, नतीजा यह आया की वे पुरे भारत में interview में दुसरे नंबर पर आये| Safin Hasan कहते है की यहाँ पर उनको बचपन से खुदको जो तैयार किया था वो काम आया| वे मानते है की UPSC में इंटरव्यू में अगर आप दस में से 9 प्रश्न का उत्तर नहीं देते तो कोई समस्या नहीं है अगर सहज भी अपने पर विचलित हुए बिना दसवे प्रश्न का उत्तर पुरे कॉंफिडेंट के साथ दें |
Safin Hasan ने खुद को कैसे तैयार किया था
वो मानते है की UPSC को क्लियर करने के लिए आपको उस तरीके से सोचने की आवश्यकता है| Safin Hasan ने बचपन से ही जब इसके बारे मे सोचा और बड़ा अधिकारी बनाने का निर्णय किय तब से वह अपने जीवन के हर पहलू को उसी के साथ जोड़ के देखते थे| उन्होंने खुद के विकास के लिए कई NGO को भी ज्वाइन किया था| वे NGO के माध्यम से गरीब बच्चे जो की पढ़ नहीं सकते थे उन्हें पढ़ाने के लिए जाते थे| उन्होंने कई तरह के संघर्ष को देखा लेकिन कभी भी पीछे मुड़ने में विश्वास नहीं किया|
Safin Hasan की Biography से सिख
उनके जीवन में कई तरह के संघर्ष थे लेकिन उन्होंने कभी भी खुद को उन संघर्ष के सामने झुकाने नहीं दिया| वे मानते है की जीवन में एक समय ऐसा आता है की जब आपके पास दो विकल ही बचाते है की पीछे मुड़ कर दूसरा रास्ता लिया जाए या इसी में अपनी महनत को और मजबूत कर आगे बढ़ा जाए| उन्होंने हमेशा ही पाने जीवन में लक्ष्य के केंद्र स्थान में रखा और हर चुनौति को हराया| वे हमेशा ही पीछे मुड़ने की जगह आगे बढ़ने और महेनत पर विश्वास रखने में मानते थे|
जब उनके सबसे कम उम्र में सफल होने और UPSC में 570वा रैंक प्राप्त करने के बाद लोग मिलते थे और कहते थे की आप काफी नसीबवाले है तब वे प्रत्युत्तर में कहते थे की नसीब भी उन्हों लोगो का साथ देता है जो महेनत करते है|
Safin Hasan की उपलब्धि
वेसे तो उनका जीवन ही एक उपलब्धि और एक प्रेरणा के सामान है| हमें विश्वास है की अगर आगे जाके भारत का भविष्य safin hasan जैसे अच्छे और महेनती लोगो के हाथ में है तो चिंता का कोई विषय नहीं है|
- उन्होंने सबसे कम उम्र में UPSC को क्लियर किया और जामनगर में ASP के तौर पर ज्वाइन किया|
- उन्होंने अपनी तैयारी के दौरान GPSC(gujarat public service commission) की भी एग्जाम दी थी जिसमे 34 वे क्रमांक पर क्लियर किया था|
- अपनी बैच में उन्होंने इंटरव्यू में दुसरे नंबर पर सबसे अधिक नंबर प्राप्त किये थे|
हमें आशा है की आपको Biography of safin Hasan : Youngest IPS of India के इस लेख के माध्यम से काफी अच्छी प्रेरणा मिली होगी| अगर आप और भी इस विषय में और भी अधिक जानते है तो हमें कमेंट कर अवश्य बताये ताकि हम और लोगो के साथ शेयर कर सके|
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