RSI Indicator in Hindi: क्या आप जानते है की RSI Indicator क्या है और इसे कैसे उपयोग किया जाता है? यहाँ हमने RSI Indicator की सभी महत्वपूर्ण जानकारी Hindi में आपसे शेयर की है| अगर आप स्टोक मार्केट में टेक्निकल एनालिसिस को सीखना चाहते है तो आपको यह इंडिकेटर के बारेमे अवश्य जानना चाहिए|
RSI Indicator in Hindi
शेयर मार्किट में स्टॉक के एनालिसिस के लिए कई तरह के इंडिकेटर का उपयोग होता है लेकिन उनमे से कुछ अधिक प्रचलित इंडिकेटर कुछ ही है, RSI Indicator उन्ही प्रचलितो में से एक है| यहाँ हमने आपसे RSI Indicator की सभी महत्वपूर्ण जानकारी आपसे शेयर की है जैसे की RSI Indicator क्या है?, उसका FullForm क्या है?, RSI की गणना के पीछे का Maths Formula क्या है और उसकी गणना कैसे की जाती है?, RSI की मदद से हम क्या जान सकते है?, RSI का विश्लेषण कैसे किया जाता है?, RSI में Divergences क्या है?, RSI की क्या क्या मर्यादाओ है? इत्यादि
What is RSI Indicator in Hindi?
RSI Indicator का full form Relative Strength Index Indicator होता है जिसे हिंदी में “सापेक्ष शक्ति सूचकांक संकेतक” कहा जाता है| हिंदी अर्थ से ही उसकी परिभाषा समजमे आ जाती है की यह सापेक्ष शक्ति(Relative Strength) को सूचित करता है| टेक्निकल एनालिसिस में उपयोग होने वाला यह मोमेंटम इंडिकेटर है| RSI Indicator सबसे पहले जे वेल्स वाइल्डर जूनियर द्वारा विकसित किया गया था और उनकी सेमिनल 1978 की पुस्तक, “न्यू कॉन्सेप्ट्स” में पेश किया गया था।
इस इंडिकेटर के माध्यम से हम कोई भी स्टॉक या एसेट्स की कीमत में ओवरबॉट या ओवरसोल्ड स्थितियों का मूल्यांकन हाल के मूल्यों में हुए परिवर्तन पर मापता है| यह एक ग्राफ की तरह दर्शाया जाता है जिसमे ऊपर निचे एक एक लाइन होती है और बिच में एक ग्राफ की रचा चलती है| ऊपर की लाइन ओवरबॉट और निचे की लाइन ओवरसोल्ड की स्थिति को दर्शाते है|
What is Formula and Calculation of RSI Indicator in Hindi?
RSI Indicator के बारे माँ जानने के बाद अब हम उसके गाणितिक सूत्र और गणना के बारे में आपको जाणारी देते है|
आरएसआई की गणना दो हिस्सों में की जाती है| निचे हमने आपसे दोनों हिस्सों में कैसे RSI की गणना होती है उसकी जानकारी दी है|
Step one: इस स्टेप की गणना में एवरेज लाभ और एवरेज हानि का उपयोग होता है| एवरेज हानि के किस्से में मूल्य को पॉजिटिव ही लिया जाता है| इसमे स्टैण्डर्ड गणना के लिए पिछली 14 अवधि को लिया जाता है|
Step Two: एक बार पिछली 14 अवधि की गणना हो जाती है तब दुसरे सूत्र की मदद से RSI की कैलकुलेशन होती है| यहाँ निचे हमने दुसरे स्टेप का RSI Formula आपसे शेयर किया है|
ऊपर हमने आपसे RSI Indicator की कैलकुलेशन कैसे होती है और उसके फार्मूला क्या है उसकी जानकारी दी है| आपको अगर यह समज में न आये तब भी कोई चिंता का विषय नहीं है क्योंकि आपको किसी भी सॉफ्टवेर या ट्रेडिंग प्लेटफार्म में RSI Indicator Graph free में दिया होता है|
RSI की मदद से हम क्या जान सकते है?
किसी भी टूल की मदद से एनालिसिस करने से पहले हमें उस टूल के बारे में सभी जानकारी होना आवश्यक है| RSI Indicator के माध्यम से हम कोई भी एसेट्स या स्टॉक में ओवरबॉट या ओवरसोल्ड स्थितियों को जान सकते है| सामान्य रूप से RSI का graph 70 से अधीक हो तब ओवरबॉट और RSI का graph 30 से कम हो तब ओवरसोल्ड स्थिति को माना जाता है| अधिक समजने के लिए निचे के चार्ट की सहायता ले|
RSI और RSI Range का विश्लेषण कैसे किया जाता है?
RSI और RSI Range का विश्लेषण करने के लिए ओवरबॉट या ओवरसोल्ड स्थितियों को जानना आवश्यक है| अगर आपको अभी भी उस विषय में कुछ प्रश्न है तो उसे फिरसे पढ़े, क्योंकि ओवरबॉट या ओवरसोल्ड को जाने के बिना RSI और RSI Range का विश्लेषण नहीं हो सकता|
आरएसआइ इंडिकेटर में सामान्य तौर पर 30 की लाइन को ओवरसोल्ड और 70 की लाइन को ओवरबॉट के रूप में देखा जाता है| जब भी RSI का ग्राफ निचे से 30 की लाइन को पार करके ऊपर आता है तब यह स्टॉक या एसेट्स में तेजी के संकेत देता है| वेसे ही जब RSI का ग्राफ 70 की लाइन को ऊपर से निचे की तरफ क्रॉस करता है तब स्टॉक या एसेट्स में मंदी के संकेत मिलते है|
जब भी स्टॉक या एसेट्स कोई ट्रेंड में रहता है तब वह 30 से 70 के बिच में रहेगा| जब वह अपट्रेंड में 70 को टच करता है या 70 के ऊपर निकालता है तब यह बहुत संभावना है की एक करेक्शन या पुलबेक आ सकता है| वेसे ही जब स्टॉक डाउनट्रेंड में निचे की और 30 की लाइन को टच करता है तब ओवरसोल्ड की स्थिति बनती है अथावा तो स्टॉक की प्राइस अंडरवैल्यू मानी जाती है| इसी लिए बहुत संभावना है की स्टॉक एक पुल बेक ले सकता है या अपना ट्रेंड बदल सकता है|
What is Divergences in RSI Indicator in Hindi?
अगर आप ने पहले इस इंडिकेटर को देखा हो और उसका एनालिसिस किया हो तब कभी कभी आपको चार्ट में पैटर्न और ट्रेंड तथा RSI के ग्राफ में भिन्नता देखने को मिलती है| अर्थात जब स्टॉक का ट्रेंड ऊपर हो तब भी ग्राफ निचे की और दिखता है, उसे RSI Divergences कहते है| मुख्यत्वे 2 प्रकार के Divergences होते है|
- Bullish Divergence
- Bearish Divergence
Bullish Divergence
बुलिश डाइवर्जेंस को समजने के लिए पहले निचे दिए गए ग्राफ को देखे| यहाँ चार्ट में आप आसानी से देख सकते है की चार्ट में ट्रेंड डाउन साइड का दिख रहा है और पिछले दो लो लोअर लो बने है लेकिन RSI Graph में उससे विपरीत है| उसी अवधि में RSI ग्राफ ऊपर की और है| इससे यह जब भी बनता है स्टॉक या एसेट्स का ऊपर की और भागना संभव बनता है|
Bearish Divergence
यह बुलिश डाइवर्जेंस से विपरीत होता है| इस तरह की पैटर्न में जब भी स्टोक हायर हाई बनता हो और उसी दरमियान RSI Graph लोअर हाई बनाता है तब Bearish Divergence बनता है| Bearish Divergence बनाने के बाद स्टॉक की निचे की और भागने की संभावना बढ़ जाती है| आसानी से समजने के लिए निचे दिया गया चार्ट देखे|
Limitation of RSI Indicator in Hindi?
दुसरे इंडिकेटर के मुकाबले यह इंडिकेटर अच्छा है लेकिन फिर भी इसकी कुछ लिमिटेशन है| रिवर्सल सिग्नल को देखना काफी मुश्किल है और बहित बार इसमे फेक सिगनल भी मिल सकते है| यह कम समय की अवधि के बजाय लम्बें समय की अवधि में अच्छा कार्य देता है| कम समय में RSI ka ओवरबोट और ओवरसोल्ड का कांसेप्ट फेक सिग्नल अधिक देता है|
Summary
यहाँ हमने आपसे RSI Indicator in Hindi की जानकारी आपसे शेयर की है जिसमे RSI Indicator क्या है?, RSI Indicator की गणना कैसे की जाती है और उसके गाणिति सूत्र क्या है?, RSI मे Divergence क्या है और इसे कैसे चार्ट में देखते है साथ ही चार्ट में RSI Indicator का कैसे विश्लेषण करते है जैसी महत्वपूर्ण जानकारी दी है| अगर आपको यहाँ दिए गए किसी भी लेख से प्रश्न है तो आप निचे दिए गए कमेंट बॉक्स में हमें पूछ सकते है|