सरकार द्वारा महंगाई को नियंत्रित करने के लिए CRR, SLR और रेपो रेट का उपयोग किया जाता है| जैसे की इन सभी की गणना करने के लिए NDTL का उपयोग किया जाता है| आज के इस लेख में हम आपसे NDTL क्या है?(NDTL in banking in Hindi) पर विस्तृत जानकारी प्रदान करेंगे|
NDTL क्या है? (What is NDTL in Hindi?)
NDTL का फुलफॉर्म (Full form of NDTL)
“Net Demand and Time Liabilities”
हर बैंक में ग्राहक व्यक्तिगत् रूप में या किसी संस्था के द्वारा पैसे जमा करते है| बैंक उनको यह पैसे ब्याज के साथ वापिस देती है| ये सभी जमा राशी को Liabilities कहा जाता है| बैंक की कुल Liabilities को NDTL कहा जाता है| जिसके आधार पर CRR और SLR की गणना की जाती है| NDTL को अच्छे से समजने के लिए Demand Liabilities और Time Liabilities को समजना आवश्यक है|
Demand Liabilities
बैंक में जोभी डिपोजिट होती है जिसे ग्राहक के द्वारा “ओन डिमांड” वापिस मागा जा सकता है उसे Demand Liabilities कहा जाता है| इसके उदाहरण कुछ इस तरह है|
- Saving Deposits
- Current Deposits
- Demand Draft
- Letter of Credit और Bank Guarantee
Demand Liabilities कुछ इस तरह के डिपॉजिट्स होते है जिसमे से जब चाहे पैसे निकाले जा सकते है| इस पर कोई समय मर्यादा नहीं होती है|
Time Liabilities
यह कुछ इस तरह के निवेश होते है जिसे एक समय मर्यादा के आधार पर रखा जाता है| Time Liabilities के उदाहरण कुछ इस तरह है|
- Fixed Deposits
- Cumulative and Recurring Deposits
- Cash Certificate
- Gold Deposits
यह सभी Time Liabilities के उदाहरण है| इसमें से पैसे निकालने के लिए एक समय(Time) मर्यादा होती है जिसके बाद ही निकाला जाता है|
Other Demand and Time Liabilities
बैंक में डिपॉजिट्स के इंटरेस्ट(Interest), बिल, Unpaid Dividends, जैसे डिपॉजिट्स को (ODTL)Other Demand and Time Liabilities कहा जाता है|
NDTL in Banking in Hindi
बैंक अपने पास की डिपॉजिट्स को कुछ अन्य बैंक में भी डिपॉजिट्स भी करते है| इस तरह के डिपॉजिट्स को NDTL में नहीं गिना जाता| NDTL की गणना करने का फार्मूला कुछ इस प्रकार से है|
Formula of NDTL in Banking
NDTL = Demand Liabilities + Time Liabilities + Other Demand and Time Liabilities – Deposits in Other banks
Example – NDTL in Banking in Hindi
अगर किसी ABC बैंक के पास Demand Liabilities 1000 Rs है| Time Liabilities में 2000 Rs है| ODTL में 100 Rs है| और उस बैंक का 200 Rs दूसरी बैंक में डिपॉजिट्स है तो ऐसे इस बैंक का NDTL कुछ तरह होगा|
NDTL = Demand Liabilities + Time Liabilities + Other Demand and Time Liabilities – Deposits in Other banks
= 1000+2000+100-200
= 2900 Rs
मतलब बैंक के पास NDTL 2900 Rs है जिसमे से उसे CRR और SLR को मैनेज करना पड़ता है|
- यह भी पढ़े: CRR और SLR क्या है जाने हिंदी में|
निष्कर्ष – NDTL in Banking in Hindi
हमें आशा है की आपको NDTL kya hai (NDTL in Banking in Hindi) के विषय में अच्छी जानकारी मिली होंगी| अगर आप हमारे द्वारा दी गयी यह जानकारी NDTL in Hindi संतुष्ट है तो इसे अधिक से अधिक लोगो के साथ शेयर करे|
अगर आपको NDTL in Hindi के इस लेख में कोई भी प्रश्न है तो हमें कमेंट करके पूछ सकते है| धन्यवाद|
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