A Biography and Motivation story of Sadhguru
ज्यादातर लोग पंछी की तरह पिंजरे में रहते है, पिंजरे का दरवाजा तो खुला है लेकिन वह पिंजरे में ही इतने व्यस्त है की कोई संभावना उन्हें दिखाती ही नहीं|
यह शब्द है सदगरु के जो एक योगी होने के साथ पब्लिक स्पीकर भी है| अपने विचार से और अपने बोलने के अंदाज से लाखो लोगो के विचार और जीवन को बदलने वाले सदगुरु एक नॉन प्रॉफिटेबल आर्गेनाइजेशन ईशा को भी चलाते है | आज के इस लेख में हम सदगुरु के जीवन पर बात करेंगे| साथ ही उनके जीवक के अनसुने पहलू भी आपको बताएँगे जिसे आपको और भी प्रेरणा मिल सके|
Basic Information of sadhguru
- नाम: जग्गी वासुदेव
- जन्म: 3 saptember 1957
- जन्म स्थान: मैसूर(कर्नाटक)
- पिता: डॉ वासुदेव
- माता: सुशीला वासुदेव
- पत्नी: विजयकुमारी ( 1997 में मृत्यु हुई थी)
- जग्गी वासुदेव अपने चार भाई बहन में सबसे छोटे थे| उनके पिता ओप्थाल्मोलॉजिस्ट थे|
सदगुरु का शुरूआती जीवन (Early Life of sadhguru)
वह बचपन से ही बहोत अलग सोच रखते थे| वो किसी भी विषय में गहराईयों में जाने का प्रयास करते थे और किसी भी वस्तु या द्रश्य को लम्बे समय देखते रहते थे और इसी में ही खोजाते थे| वह बचपन से ही किसी भी चीज पर आसानी से फोकस कर सकते थे और उनकी कंसंट्रेशन पॉवर भी काफी ज्यादा थी|
जग्गी वासुदेव ने अपनी पढाई Demonstration स्कूल, मैसूर, से की थी बाद में वह कॉलेज के लिए मैसूर विश्वविद्यालय गए और वहा उन्होंने इंग्लिश विषय में स्नातक किया|
उन्होंने चौदहवे वर्ष में क्लाइम्बिंग क्लब को ज्वाइन किया था|
उनकी बचपन से ही आर्मी ज्वाइन करने की इच्छा थी, उन्होंने एक बार आर्मी की लिखित परीक्षा को भी दिया था लेकिन प्रैक्टिकल एग्जाम देने वह नहीं गए थे|
सदगुरु का वैवाहिक जीवन (Married life)
sadhguru का विवाह विजयकुमारी से हुआ था जो की एक प्रेम विवाह था| उनकी पत्नी पेशे से बैंकर थी| उनका वैवाहिक जीवन मात्र 13 वर्ष तक का रहा था| उनका विवाह 1984 में हुआ था और 1997 में उनकी पत्नी की मृत्यु हुई थी| जो की उस समय एक काफी विवाद का कारण बना था| उनको एक पुत्री भी है जिसका नाम राधे है|
सदगुरु के जीवन में योगा की शुरुआत (sadhguru join Yoga)
sadhguru काफी कम उम्र से योगिक क्रिया से जुड़े हुए है| वह मात्र 10 से 11 साल के थे जब वह पहली बार योगिक गुरु मल्लादिहल्ली श्री राघवेंद्र स्वामी से मिले और उनसे उन्होंने योगा और आसन की शिक्षा को अर्जित किया| वह कहते है की जब से उन्होंने योग का अभ्यास शुरू किया तब से वह बिना किसी रूकावट के अपने जीवन में इसे नित्य प्रैक्टिस करते है|
sadhguru अपने एक विसुअल में कहते है की जब वह चामुंडा हिल पर बेठे बेठे अपनी योगिक साधना करते थे तब उन्हें आध्यात्मिकता का अलग ही अनुभव हुआ | sadhguru अपने स्वाभाव की वजह से और भी इस विषय में गहराईयों में जाने के लिए काफी यात्रा की| वह बाइक पर घुमना काफी पसंद करते थे, उन्होंने कई समय तक अपने मोटरसाइकिल से पुरे दक्षिण भारत का भ्रमण किया और नए लोगो से मिले और उनसे बहुत कुछ सिखा|
ईशा फाउंडेशन (Isha Foundation)
sadhguru ने अपने जीवन में जो भी कार्य किये जनहीतो के लिए ही किये | उन्होंने Inner Engineering, Dhyanalinga, Rally for Rivers, Linga Bhairavi, Adiyogi: The Source of Yoga, Mystic’s Musings, Kaveri Calling
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Inner Engineering by sadhguru
Inner Engineering आपके दिन-प्रतिदिन के जीवन की चुनौतियों में योग या ध्यान के माध्यम से शांति संतुलन खोजने की एक प्रक्रिया है। sadhguru के द्वारा इस पर काफी उत्तम कार्य किया गया है|
Rally for Rivers by sadhguru
sadhguru के द्वारा यह 2017 में चलाया एक बाधा अभियान था जो की नदियों के लिए था|इस अभियान के माध्यम से लोगो के बीच नदी की समज को बढ़ाना और नदी के किनारे पर बड़े पैमाने में जंगल को बनाना जिसे नदी को जिवंत रख सके| इसे पुरे भारत में काफी समर्थन मिला था|
Linga Bhairavi by sadhguru
इसमे देवी की पूजा लिंग के स्वरुप में की जाती है| यह बहोत कम बार ऐसा हुआ है की जब किसी देवी की पूजा एक लिंग के स्वरुप में हुई हो| सदगुरु ने यह किया और लोगो के बिच इसे रखा भी| सद्गुरु कहते है की यह पहले भी होता था लेकिन आजतक कुछ सिमित लोग ही इसे जानते थे|
Adiyogi: The Source of Yoga by sadhguru
यह एक कार्यक्रम होने के साथ एक बुक भी है जो sadhguru के द्वारा लिखी गयी है| जिसमे भगवान् शिव को आदि योगी कहा गया है| इस कार्यक्रम के तहत उन्होंने 112 फीट की बड़ी शिव की मूर्ति को भी बनाया है | उनका कहना है की 112 तरीके से आप जीवन की सीमा को पार कर सकता है|
Kaveri Calling by sadhguru
sadhguru के द्वारा यह कार्यक्रम कावेरी नदी के आसपास करीब 2 बिलियन से अधिक पेड़ लगाकर उसके एक तिहाई हिस्से को कवर करना था जिसे कावेरी नदी को बचाया जा सके| इस कार्यक्रम को भी व्यापक समर्थन मिला है|
sadhguru और उनकी बेटी राधे का सम्बन्ध
राधे जग्गी(Radhe jaggi) की सात साल की उम्र थी जब विज्जी जग्गी की मृत्यु हुई थी| बेटी की जिम्मेदारी अपने पर आने के बाद भी उन्होंने सभी परिस्थिति को काफी आसानी से संभाला और आज भी पिता सदगुरु और पुत्री राधे जग्गी के बिच काफी मधुर सम्बन्ध है|
sadhguru जुड़े कुछ विवाद
सदगुरु(sadhguru) से कुछ विवाद भी जुड़े है| पहली बार उन पर आरोप लगा था की उनकी पत्नी की हत्या sadhguru के द्वारा पानी में डूबा कर की गयी थी| जब की sadhguru का कहना है की उनकी पत्नी जिसे वह विज्जी के नाम से बुलाते थे उन्होंने अपना देह स्वयं ही त्याग दिया था, और वह महा समाधी में चली गयी थी|
sadhguru से दो और दुसर विवाद भी जुड़े है, उन पर सरकारी जमीन को हड़पने का भी आरोप है और बिना किसी अध्ययन के कावेरी बचाव कार्यक्रम करके पैसे इक्कट्ठे करने के आरोप है|
उनपर आरोप है की उन्होंने हाथी के संरक्षित क्षेत्र में से जमीन को हड़पली है और हाथी के मार्गो पर अवरोध उत्पन्न किया है|
Quotes by sadhguru
जीवन के सबसे खूबसूरत पल ऐसे पल होते हैं जब आप अपनी खुशी व्यक्त कर रहे होते हैं, न कि जब आप इसे चाह रहे होते हैं।
Jaggi Vasudev(Sadhguru)
“जब दर्द, दुख या गुस्सा होता है, तो यह आपके भीतर देखने का समय होता है, आपके आसपास नहीं।”
Inner Engineering, Jaggi Vasudev(Sadhguru)
“डर सिर्फ इसलिए है क्योंकि आप जीवन के साथ नहीं रह रहे हैं, आप अपने मन में रह रहे हैं।”
Sadhguru
sadhguru biography in hindi से जीवन से काफी प्रेरणा मिलती है, साथ ही योगिक क्रिया से कैसे जीवन में हम बैलेंस बना सकते है उसपर भी उन्होंने काफी उत्तम कार्य किया है| हमें आशा है की आपको भी sadhguru के जीवन से प्रेरणा मिली होंगी| अगर आपको हमारा यह लेख पसंद आये तो इसे शेयर अवश्य करे धन्यवाद|
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