इन्सुलिन क्या है? What is insulin in Hindi with Importance

Insulin in Hindi

Insulin in hindi: हेल्लो फ्रेंड Be Educated के इस लेख में आज हम आपको इन्सुलिन(insulin) के बारे में काफी महत्वपूर्ण इनफार्मेशन देंगे जो आपको मददरूप हो सके| हम इस लेख के माध्यम से आपके साथ इन्सुलिन के विभिन्न विषयो पर जानकारी सांझा करेंगे जैसे की,

  • इन्सुलिन क्या होता है?(what is insulin in Hindi?),
  • इन्सुलिन कहा उत्पन होता है?(where is insulin producing in body?),
  • इसकी मात्र शरीर में बढ़ जाए तब क्या होता है?(what happen if quantity of insulin is High?)
  • इन्सुलिन की मात्र शरीर में कम हो जाए तो क्या होता है? (what happen if quantity of insulin is Low?)
  • इन्सुलिन का इंजेक्शन लगाने का तरीका
  • इन्सुलिन से छुटकारा
  • इन्सुलिन का पौधा
  • इन्सुलिन इंजेक्शन साइड इफेक्ट्स

आगे आप हमारा डायबिटीज पर का लेख पढना चाहते है तो यहाँ क्लिक करे जिसमे हम ने डायबिटीज के बारे में काफी अच्छी इनफार्मेशन शेयर करी है|

इन्सुलिन क्या है?
(What is Insulin in Hindi)

इन्सुलिन हमारे शरीर में पेन्क्रिआस नामक ग्रंथि में से इन्सुलिन उत्पन होता है| जब भी हम भोजन के रूप में कुछ भी ग्रहण करते है तो उसमे ग्लूकोज(Glucose) के रूप में सुगर शरीर में जाता है| उसी सुगर की मात्रा को नियंत्रित करने के लिए हमारे शरीर में इन्सुलिन की आवश्यकता होती है जो की पेन्क्रिआस से निकालता है|

पेन्क्रिआस में दो प्रकार के सेल होते है,जैसे की

  • आल्फा सेल
  • बीटा सेल

आल्फा सेल(Alpha cell in Hindi) में से glucagon बनता है, जब भी शरीर में शुगर की मात्रा कम हो जाती है तब ये ग्लुकागोन(Glucagon) काम करता है और शुगर की मात्र को बढ़ता है|

बीटा सेल(Beta cell in Hindi) में से इन्सुलिन और C पेप्टाइड बनता है,जब भी शरीर में सुगर की मात्रा बढ़ जाती है तब इन्सुलिन का कार्य शुरू होता है और वह सुगर की मात्रा को कम कर ब्लड में सुगर की मात्र को नियंत्रित करता है|

इन्सुलिन के सम्बन्ध में हमारे शरीर में दो प्रकार की परेशानी हो सकती है| जिस की

  • इन्सुलिन की मात्र बढ़ जाना,
  • इन्सुलिन की मात्रा कम हो जाना या शून्य हो जाना|

इन्सुलिन की मात्रा कम होने पर क्या होता है?
what happen if quantity of insulin is Low?

शरीर में इन्सुलिन ब्लड में सुगर की अधिक मात्र को कम कर नियत्रित करता है ऐसे में इन्सुलिन की मात्र कम होना डायबिटीज जैसे रोग होने की संभावना बढ़ जाती है|

इन्सुलिन की मात्रा कम होने से ब्लड में सुगर Hb के साथ जुड़ जाता है और सुगर की मात्रा बढ़ जाती है| ऐसे में शरीर में कई बदलाव आता है जैस की,

शरीर का वजन कम हो जाता है,
शरीर में अशक्ति सी महसूस होती है|

इसी लिए डायबिटीज के मरीज को इन्सुलिन बहार से दिया जाता है ता कि उसे शरीर की अन्दर सुगर की मात्रा नियंत्रित की जा सके|

इन्सुलिन की मात्रा बढ़ होने पर क्या होता है?
what happen if quantity of insulin is High?

इन्सुलिन की मात्र बढ़ जाने पर भी शरीर में से सुगर की मात्रा कम हो जाती है| जब भी शरीर में सुगर की मात्रा कम हो जाती है तब भी चक्कर आना और अशक्ति सा महसूस होता है|

ऐसी परिस्थिति में जल्द ही कुछ सुगर की चीज़ खा लेनी चाहिए|

Type 1 Diabetes के मरीज़ को कभी कभी डॉक्टर के द्वारा इन्सुलिन लेने की सलाह दी जाती है| जिसे शरीर में इन्सुलिन और सुगर की मात्रा का नियंत्रण हो सके| डायबिटीज के अनुसार ही insulin लेना होता है जिसका चार्ट निचे के पिक्चर में दिया गया है|

इन्सुलिन का इंजेक्शन लगाने का तरीका

यह इन्सुलिन लगाने से पहले डोक्टर की सलाह आवश्यक है| इनकी सलाह के अनुरूप दिन के अलग अलग समय विभिन्न मात्रा में इसे लिया जाता है| सुगर के लेवल के आधार पर इसकी मात्र डोक्टर सुनिश्चित करते है|

डोक्टर की सलाह के बाद इन्सुलिन का इंजेक्शन लगाना काफी आसान है| सही मात्रा अगर इंजेक्शन हो तो उसमे भरने के बाद या पेन हो तो यूनिट को तय मात्रा में सेट कराने के बाद कही पर भी लिया जा सकता है| इसे लेने के लिए किसी ख़ास नस को नहीं पकड़ना होता| इसे दोनों बाजूओ में या दोनों जांघों में या नाभि के आसपास कही पर लिया जा सकता है|

इन्सुलिन के पेन के यूजर के लिए 2 से 3 second तक नीडल को अन्दर रखना चाहिए ताकि इन्सुलिन पूरी मात्रा में शरीर में जा सके| इन्सुलिन का इंजेक्शन लगाने का तरीका बहोत ही आसान है|

इन्सुलिन से छुटकारा
Get rid of insulin in Hindi

इन्सुलिन एक इंजेक्शन के माध्यम से लगाया जाता है जो की विभिन्न मात्रा में लगाया जाता है जैसे की 8 यूनिट, 10 यूनिट, 12 यूनिट, 16 यूनिट इत्यादि| बहोत लोग जो की डायबिटीज की समस्या से परेशान है उन्हें इन्सुलिन से छुटकारा भी चाहते है| इन्सुलिन से छुटकारा पाना है तो पहले यह समजना होगा की उसे दिया क्यों जाता है|

इन्सुलिन से छुटकारा

-पेन्क्रिआस जो की इन्सुलिन को बनाता है| ऐसे में वह इंजेक्शन के माध्यम से इसलिए दिया जाता है ताकि पेन्क्रिआस पर इन्सुलिन बनाने के लिए दबाव न उत्पन हो| पेन्क्रिआस के अपने कार्य को अच्छे से दबावमुक्त कार्य करने के लिए बहार से इन्सुलिन की आवश्यकता होती है जो इंजेक्शन से दिया जाता है|

जब भी इन्सुलिन से छुटकारा पाना हो तो सुगर को शरीर में मेंटेन करना पड़ता है| इससे छुटकारा होता है लेकिन कम से कम 3 महीने तक डोक्टर के द्वारा सुजाव दिया जाता है| जिसमे धीरे धीरे डोज को बढ़ाया जाता है| इन्सुलिन से छुटकारा पाने के लिए आपको अपने शरीर में सुगर का नियंत्रण करना पड़ेगा जो की आप अपनी खाने की और दिनचर्या की आदतों से करे ताकि इससे छुटकारा पा सके| इन्सुलिन का पौधा भी आपकी इसमे मदद कर सकता है|

इन्सुलिन का पौधा
Insulin plant in Hindi

आयुर्वेद में कई तरह की वनस्पति को डायबिटीज के मरीजों लिए अच्छी बतायी गयी है| इसमे एक पौधा है जिसका नाम वैज्ञानिक नाम “कोस्टस पिकटस” है| जो की हिमालय के आसपास उतराखंड में पाया जाता है|

इन्सुलिन का पौधा: कोस्टस पिकटस
इन्सुलिन का पौधा: कोस्टस पिकटस

“कोस्टस पिकटस” जिसे इन्सुलिन का पौधा भी कहा जाता है| सामान्य भाषा में इसे क्रेप अदरक, केमुक, कीकंद, बु, कुए, पकरमुला, पुष्करमूला, कुमुल जैसे नाम से भी जाना जाता है| डायबिटीज के मरीजो के लिए यह रामबाण के रूप में कार्य करता है| यह शरीर में शुगर की मात्रा को कम करने काफी उपयोगी होता है|

इन्सुलिन के पौधे का उपयोग: डोक्टर के द्वारा चबाने या दो पत्ती को पिस कर पानी के साथ मिश्रित कर थोड़ी देर बाद उस पानी को छान कर पिने से शरीर में इन्सुलिन की मात्रा को बढ़ाया जा सकता है|

इन्सुलिन इंजेक्शन साइड इफेक्ट्स
Insulin Injection Side Effects in Hindi

इन्सुलिन के इंजेक्शन की वजहसे साइड इफेक्ट्स काफी कम देखने को मिलते है| लेकिन फिर भी कुछ कुछ किस्सों में इसे पाया जाता हैजैसे की,

  • सुगर की मात्रा शरीर में कम हो जानी (हाइपोग्लाइसीमिया)
  • एलर्जिक रिएक्शन और सुजन
  • वजन बढ़ना
  • गाँठ पड़ना

हाइपोग्लाइसीमिया: जैसे की पर्याप्त मात्रा से अधिक मात्रा में इन्सुलिन को इंजेक्शन के माध्यमसे ले लिया जाए तब सुगर कम होने से हाइपोग्लाइसीमिया हो सकता है जिसमे सुगर तत्कालीन रूप से कम हो जाता है| इससे बचने के लिए डोक्टर की सलाह के अनुसार ही इन्सुलिन का डोज ले|

एलर्जिक रिएक्शन और सुजन: कभी कभी इंजेक्शन की वजह से एलर्जिक रिएक्शन आ सकता है अथवा इंजेक्शन के आसपास सुजन भी आ सकती है|

वजन बढ़ना: यह भी कई लोगो में देखा जाता है की इंजेक्शन लेने के बाद असामान्य रूप से व्यक्ति का वजन बढा हो|

गाँठ पड़ना: कभी कभी इंजेक्शन लेने की जगह गाँठ पड जाती है| कुछ केसों में ऐसा इसलिए होता है ताकि एक ही जगह पर लगातार इंजेक्शन लिए हो| इसके लिए हर बार इंजेक्शन लेने की जगह में बदलाव करना चाहिए|

Note: एलर्जिक स्थिति या साइडइफ़ेक्ट की स्थिति में डोक्टर से तुरंत संपर्क कर सलाह अवश्य ले|

Conclusion

यहाँ पर हमने आपसे इन्सुलिन के सन्दर्भ में जानकारी दी है जैसे की इन्सुलिन क्या होता है?(what is insulin in Hindi?), इन्सुलिन कहा उत्पन होता है?(where is insulin producing in body?), इसकी मात्र शरीर में बढ़ जाए तब क्या होता है?(what happen if quantity of insulin is High?), इन्सुलिन की मात्र शरीर में कम हो जाए तो क्या होता है? (what happen if quantity of insulin is Low?)|

अगर आपको इस विषय में कोई भी प्रश्न है या इस विषय में कोई और जानकारी लेना चाहते है तो आप हमें कमेंट कर पूछ सकते है| हमें आपकी मदद करने पर ख़ुशी होंगी| धन्यवाद|

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