Gharelu Nuskhe और Ayurvedic Upchar
खून की कमी (Anemic), पाचन शक्ति को बढाने (Increasing digestive power), कब्ज (Constipation), पेचिश (Dying), मसा (Hemorrhoids) जैसे रोगों के लिए gharelu nuskhe और gharelu upchar बताएँगे
खून की कमी (Anemic), पाचन शक्ति को बढाने (Increasing digestive power), कब्ज (Constipation), पेचिश (Dying), मसा (Hemorrhoids) जैसे रोगों के लिए gharelu nuskhe और gharelu upchar बताएँगे
क्या मोबाइल टावर की वजह से गोरेया की संख्या में कमी आयी है ?प्रजाति की संख्या में कमी के कई कारण है उसमे भी शहरीकरण, शिकार, निवास बनने की जगह और आवश्यकताओं के अनुसार खाना नहीं मिलना, इलेक्ट्रिक लाइन, घरमे पिंजरे में रखने की वजह भी उसमे सामिल है|
फिबोनाच्ची श्रेणी (Fibonacci Sequence) नाम सबसे पहले ” Édouard Lucas” ने दिया था जो की एक फ्रेंच के गणितज्ञ है, और उन्होंने यह नाम 19वि शताब्दी में दिया था| लेकिन इस फिबोनाच्ची श्रेणी का उपयोग इसके कई वर्षो पहले से होता रहा है| फिबोनाच्ची श्रेणी का का सबसे पहले उपयोग भारत में होने के कई सारे साक्ष्य मिलते है|
आपने जो पहले पैराग्राफ में फिलोसोफर वाली बात पढ़ी वह एडविन सी, बर्नेस (Edwin C. Barnes) अच्छी तरह से मेल खाती है| एक दिन एडविन बर्नेस मालगाड़ी के डिब्बे में बैठकर थॉमस एडिसन को मिलने के लिए पहोच गए, और मिलने के बाद उन्होंने सीधा ही उनसे सांझेदारी की बात कह डाली| थॉमस आल्वा एडिसन ने एडविन बर्नेसका आत्मा विश्वास देखते हुए उनकी कंपनी में सफाईकर्मी की नौकरी की पेशकश की और एडविन बर्नेसने भी उसे हर्ष के साथ अपनाया| बाद में दिन बीते… बीते महीने- साल…..
हमारे रक्त में में तिन प्रकार के सेल होते है, जिसे RED BLOOD CELL(RBC), WHITE BLOOD CELL(WBC) और PLATELETS के नाम से जाने जाते है| बिलीरुबिन(Bilirubin), RED BLOOD CELL(RBC) में से ही बनता है| हर प्रकार के सेल एक निश्चित आयुष्य होता है| RED BLOOD CELL(RBC) का आयुष्यकाल 100 दिन से 120 दिन के बिच में होता है और उसका कार्य ऑक्सीजन को एक जगह से दूसरी जगह पहुचाने का होता है| यही RED BLOOD CELL(RBC) की आयु समाप्त होती है तो वह बिलीरुबिन में कन्वर्ट हो जाता है|