Jivamrut Kaise Banaye | जाने जीवामृत कैसे बनाए, कैसे उपयोग करे, और उसके लाभ क्या है?

Jivamrut Kaise Banaye: क्या आप जानते है की जीवामृत कैसे बनाया जाता है| अगर आप के मन में भी यह प्रश्न है की ivamrut Kaise Banaye तो यह लेख अवश्य पढ़े|

Jivamrut in Hindi

प्राकृतिक खेती में जीवामृत, घन जीवामृत, अग्निअस्त्रम दशपर्णी अर्क, बिजामृत, निमास्त्र, ब्रह्मास्त्र इत्यादि का विशेष महत्व है| आज बहुत से कृषक इन सभी को प्राकृतिक खेती में उपयोग कर लाभ कम रहे है| ऐसे में अगर आप भी “Jivamrut Kaise Banaye”, “Jivamrut किस तरह की फसल में उपयोगी हो सकता है?”, “Jivamrut ka Upyog kaise kare”, “Jivamrut ke laabh, इत्यादि जीवामृत के बारे में जानना चाहते है तो यह लेख पूरा पढ़े जिसमे हमने आपसे जीवामृत के बारे में सम्पूर्ण जानकारी प्रदान की है|

Jivamrut Kya Hai? | जीवामृत क्या है?

जीवामृत एक प्रकार का देशी खाद है जो की प्राकृतिक खेती में उपयोग में लिया जाता है| प्रकृति में से मिलने वाली चीजो से यह आसानी से बनाया जाता है| इसे बनाने की विधि सरल है जिसे कोई भी किसान घर पे आसानी से बना सकता है| यहाँ निचे हमने इसे बनाने की विधि आपसे विस्तार से शेयर की है|

Jivamrut Kaise Banaye | जीवामृत कैसे बनाए?

जीवामृत को बनाना काफी सरल है यहाँ निचे हमने उसकी बनाने की जरूरी सामग्विरी के साथ विधि को भी दिया है जिसके माध्धियम से कोई भी किसान इसे घर पर सरलता से बना सकता है|

जीवामृत बनाने के लिए जरूरी सामन मात्रा
पानी 180 लीटर
गौमूत्र10 लीटर
ताजा देशी गाय का गोबर10 कि. ग्रा.
मिट्टी (वट वृक्ष के निचे की मिट्टी, सांप के बिल के आसपास की मिट्टी )500 ग्राम
देसी गुड2 कि. ग्रा.
बेसन2 कि. ग्रा.

जीवामृत बनाने की विधि: ऊपर दी गयी सभी चीजो को एक साथ के बड़े से पात्र या बेरल में रखे| अब इसे दिन में दो बार यानी सुबह और शाम को घड़ी की दिशा में (दक्षिणावर्ती) एक बड़ी सी लकड़ी के माध्यम से हिलाए| यह प्रक्रिया 2-3 मिनिट तक करनी है| 7 दिन के बाद इसे अच्छे से वस्त्र से छान ले और कही सुरक्षित जगह पर संगृहीत करे|

जीवामृत किस तरह की फसल में उपयोगी है?

यह सभी देशी चीजो से बना हुआ है जिसमे अच्छे से बेक्टेरिया भी बने होगे| यह लग भाग सभी तरह की फसल में उपयोगी होता है| यह,

  • औषधीय
  • धान्य
  • फलियां
  • बागवानी

जैसी फसल में काफी उपयोगी एवम लाभकारी रहता है|

जीवामृत का उपयोग कैसे करे?

हमें आशा है की आपको जीवामृत बनाने की विधि अच्छे से समज में आई होगी| अगर आपको इस विषय में कोई प्रश्न है तो हमें निचे दिए गए कमेंट बॉक्स के माध्यम से पूछ सकते है| अब हम आपसे जीवामृत का उपयोग कैसे किया जाता है उसकी जानकारी दे रहे है| अगर आप इसके अच्छे से लाभ प्राप्त करना चाहते है तो यहाँ अवश्य पढ़े|

जीवामृत को तिन तरीको से फसल में दिया जा सकता है|

  • सिंचाई के पानी के साथ
  • फसल के दो लाइन के बिच सीधा भूमि पर
  • फसल पर छिड़क कर

अगर आप ऊपर दिए गए तरीको से जीवामृत का उपयोग करते है तो आपको जीवामृत का अच्छा लाभ प्राप्त होगा|

जीवामृत कितनी मात्रा में देना होता है?

जीवामृत का उपयोग कैसे करे यह जानकारी के साथ उसकी मात्रा का ज्ञान होना भी आवश्यक है| किसी भी खाद की सही मात्रा फसल के लिए एक वरदान साबित होती है| उसी तरह जीवामृत की भी सही मात्रा होनी आवश्यक है|

इसे आप प्रति एकड़ 200 से लेकर 400 लीटर तक उपयोग कर सकते है| प्रति माह इसे 1 से 2 बार ऊपर दी गयी किसी भी पद्धति के माध्यम से इसे उपयोग में ले सकते है|\

जीवामृत के लाभ

प्राकृतिक खेती में जीवामृत के कई लाभ है| लेकिन यहाँ हमने फसल के सन्दर्भ में मुख्य लाभों की जानकारी आपसे शेयर की है|

  • जीवामृत के द्वारा जमीं में उपयोगी बेक्टेरिया की संख्या को बढ़ाया जा सकता है जो की, मिट्टी में कार्बनिक पदार्थ के कण बनाने की प्रक्रिया को भी कम समय में करता है|
  • इसके माध्यम से मिट्टी के बिन उपयोगी तत्व भी उपयोग में लिए जाते है और फसल की जड़ का अच्छे से विकास होता है|
  • यह जीवामृत निष्क्रिय केंचुआ को सक्रिय बनाता है और उसे मिट्टी की उपजाऊपन को बढाने में काम पर लगाता है|

जीवामृत के बारे में यह अवश्य जाने

  • जीवामृत का उपयोग छिड़काव सिंचाई प्रणाली में काफी उत्तम रहता है|
  • जब भी दिन का तापमान 40 सेल्सियस से अधिक हो तब उसे दोपहर की जगह सुबह और शाम को देना चाहिए|
  • जीवामृत से भरा बेरल सुरक्षित स्थान पर होना चाहिए, जिस पर अधिक सूर्य प्रकाश भी न आना चाहिए और बारिश का पानी भी नहीं गिरना चाहिए|
  • जीवामृत बनाने की विधि 7 दिन की है| जीवामृत बनाने के बाद उसे 15 दिन तक उपयोग में लिया जा सकता है|

जीवामृत की PDF यहाँ Download करे|

जीवामृत - Jivamrut

यहाँ हमने आपसे जीवामृत के बारे में सभी महत्वपूर्ण जानकारी दी है जैसे की “Jivamrut Kaise Banaye”, “Jivamrut किस तरह की फसल में उपयोगी हो सकता है?”, “Jivamrut ka Upyog kaise kare”, “Jivamrut ke laabh | अगर आपको जीवामृत के बारे में कोई भी प्रश्न है तो हमें निचे दिए गए कमेंट बॉक्स या कांटेक्ट पेज पर जाकर पूछ सकते है|

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