Panch Mahapurush yoga in Hindi. क्या आप जाते है ज्योतिष मे Panch Mahapurush yoga पंचमहापुरुष योग क्या होता है?
अगर आप भी ज्योतिष विषय मे रुचि रखते है और जानना चाहते है की पंचमहापुरुष योग क्या है?(What is Panch Mahapurush yoga), यह कैसे बनता है?, इसके क्या फल मिलते है? अगर आप को भी इन सभी विषयो के बारे मे जानना है तो हमारा यह लेख “Panch Mahapurush yoga in Hindi | पंचमहापुरुष योग की सम्पूर्ण जानकारी” पूरा पढे।
Panch Mahapurush yoga in Hindi | पंचमहापुरुष योग की सम्पूर्ण जानकारी
ज्योतिष में कई तरह के शुभ योगो को कई ज्योतिष की पुरानी बुक और ग्रंथो में दर्शाया गया है| इन सभी में योगो में पञ्च महापुरुष योग का सबसे अधिक और अलग महत्व है| पञ्च महापुरुष योग के नाम पर से ही हम यह जान सकते है की इस योग में जन्म लेने वाले व्यक्ति में महापुरुष जैसे लक्षण होते है|
What is Panch Mahapurush yoga in Hindi?
पञ्च महापुरुष योग जन्म पत्रिका में ज्योतिष के मुलभुत पांच ग्रह मंगल, बुध, गुरु, शुक्र, शनि,के द्वारा बनता है| ज्योतिष में सभी ग्रह से बनने वाले पंचमहापुरुष के अलग अलग नाम और अलग अलग फल दिखाए गए है|
आज के इस आर्टिकल से हम आपके साथ पञ्च महापुरुष योग के सन्दर्भ में इम्पोर्टेन्ट इनफार्मेशन शेयर करेंगे जिसे की आप इसे आसानी से समज सके| ये सभी योग का फल ज्योतिष में काफी शुभ बताया गया है| सबसे पहले किस ग्रह से कोनसा पंचमहापुरुष योग बनता है उसे जानते है|
planet | Mahapurush Yoga |
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मंगल(Marsh) | रुचकमहापुरुष योग(Ruchak mahapurush yoga) |
बुध(Mercury) | भद्र महापुरुष योग(Bhadra mahapurush yoga) |
गुरु(Jupiter) | हंस महापुरुष योग(Hans mahapurush yoga) |
शुक्र(Venus) | मालव्य महापुरुष योग(Malvya mahapurush yoga) |
शनि(Saturn) | शश महापुरुष योग(Shash mahapurush yoga) |
पंच महापुरुष योग कैसे बनता है? (How panch mahapurush yoga formed in birth chart?)
जन्म पत्रिका में केंद्र और त्रिकोण भाव को काफी शुभ माना गया है ऐसे में जब भी कोई ग्रह जन्म पत्रिका के केंद्र या त्रिकोण भाव में बैठा हो तो उस ग्रह की शक्ति बढती है| पंच महापुरुष योग उससे भी एक कदम आगे का है|
जन्म पत्रिका में जब भी कोई ग्रह (मंगल, बुध, गुरु, शुक्र और शनि) केंद्र में स्वराशी या फिर उच्च की राशी में स्थित हो तब पंच महापुरुष योग का निर्माण होता है| केंद्र में जब कोई ग्रह अपनी राशी या उच्च की राशी में स्थित होता है तो वह विशेष बलवान होता है| ऐसा ग्रह जीवन के सभी सुखो को देने के लिए सक्षम होता है इसी लिए इस तरह के योग का जन्मपत्रिका में होना अच्छे भाग्य की निशानी है|
कौनसे है पंच महापुरुष योग?
पंच महापुरुष योग पाँच मुख्य ग्रह से बनते है। मंगल से रुचक महापुरुष योग, बुध से भद्र महापुरुष योग, गुरु से हंस महापुरुष योग, शुक्र से मालव्य महापुरुष योग और शनि से शश महापुरुष योग। नीचे हमने आपसे महापुरुष योग के बारे मे कुछ सामान्य जानकारी आपसे सांझा की है।
रुचक महापुरुष योग:
यह योग मंगल से बनता है। जब भी केंद्र मे मंगल 1, 4, 7, 10 भाव मे स्व राशिस्थ या अपनी उच्च राशि मे स्थित हो तब रुचक महापुरुष योग का निर्माण होता है।
रुचक महापुरुष योग के साथ पैदा हुए लोग अक्सर साहसी, गतिशील और दृढ़ निश्चयी होते हैं। उनमें मजबूत नेतृत्व क्षमता और निर्भीक, साहसी भावना होती है। उनके पास बाधाओं को दूर करने और अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने की ताकत और उत्साह है।
भद्र महापुरुष योग
यह योग बुध से बनता है। जब भी केंद्र मे बुध 1, 4, 7, 10 भाव मे स्व राशिस्थ या अपनी उच्च राशि मे स्थित हो तब भद्र महापुरुष योग का निर्माण होता है।
भद्र महापुरुष योग के साथ पैदा हुए लोग अक्सर असाधारण बुद्धिमान, स्पष्टवादी और बहुमुखी होते हैं। उनके पास तीव्र बुद्धि, उत्कृष्ट संचार क्षमता और त्वरित बुद्धि है। उनमें ज्ञान के प्रति स्वाभाविक जिज्ञासा और प्यास होती है, और वे उन क्षेत्रों में उत्कृष्टता प्राप्त करते हैं जिनमें विश्लेषणात्मक सोच, समस्या-समाधान या संचार कौशल की आवश्यकता होती है। भद्र महापुरुष योग शैक्षणिक गतिविधियों, लेखन, शिक्षण, सार्वजनिक भाषण या मानसिक चपलता और संचार से जुड़े किसी भी पेशे में बड़ी सफलता प्रदान कर सकता है।
हंस महापुरुष योग
यह योग गुरु(बृहस्पति) से बनता है। जब भी केंद्र मे गुरु(बृहस्पति) 1, 4, 7, 10 भाव मे स्व राशिस्थ या अपनी उच्च राशि मे स्थित हो तब हंस महापुरुष योग का निर्माण होता है।
हंस महापुरुष योग के साथ पैदा हुए व्यक्तियों को अक्सर एक महान चरित्र, ज्ञान और आध्यात्मिक झुकाव का आशीर्वाद मिलता है। उनमें आशावाद, विश्वास और उदारता की स्वाभाविक भावना होती है। वे जीवन के प्रति व्यापक दृष्टिकोण रखते हैं और नैतिकता और नैतिकता के सिद्धांतों द्वारा निर्देशित होते हैं।
मालव्य महापुरुष योग
यह योग शुक्र से बनता है। जब भी केंद्र मे शुक्र 1, 4, 7, 10 भाव मे स्व राशिस्थ या अपनी उच्च राशि मे स्थित हो तब मालव्य महापुरुष योग का निर्माण होता है।
मालव्य महापुरुष योग के साथ पैदा हुए व्यक्ति अक्सर शारीरिक आकर्षण, और अनुग्रह से संपन्न होते हैं। उन्हें जीवन में बेहतर चीज़ों से प्यार है और वे अक्सर विलासिता और आराम का आनंद लेते हैं। उनमें कलात्मक प्रतिभा और परिष्कृत सौंदर्यबोध होता है।
शश महापुरुष योग
यह योग शनि से बनता है। जब भी केंद्र मे शनि 1, 4, 7, 10 भाव मे स्व राशिस्थ या अपनी उच्च राशि मे स्थित हो तब मालव्य महापुरुष योग का निर्माण होता है।
इस महापुरुष योग के साथ पैदा हुए व्यक्तियों को अक्सर उनकी गंभीरता, व्यावहारिकता और कर्तव्य की भावना की विशेषता के कारण पहचान होती है। उनके पास एक मजबूत कार्य नीति है और वे अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए आवश्यक प्रयास करने को तैयार हैं, भले ही इसके लिए उन्हें रास्ते में देरी या असफलताओं का सामना करना पड़े।
पंच महापुरुष योग भंग कैसे होता है(cancellation of Panch Mahapurush Yoga)
ज्योतिष एक बहुत ही गूढ़ रहस्यों से भरा विषय है| इसमे बुरे योग का भी भंग दर्शाया गया है तो अच्छे योगो का भी भंग दर्शाया गया है| अगर आप ज्योतिष में अधिक रूचि रखते हो तो आपने शायद केमद्रुम योग का भी भंग पढ़ा सुना होगा| इस तरह से पंच महापुरुष योग का भी ज्योतिष में भंग दिया गया है|
किसी भी अच्छे योग का भंग होना किसी भी जन्म पत्रिका के लिए शुभ नहीं होता है| इसमे भी पंच महापुरुष योग के लिए ये सिद्धांत विशेष रूप से कार्य करता है | पंच महापुरुष योग का भंग जब उससे विरोध स्वाभाव वाले ग्रह उससे केंद्र में आ जाये तो पञ्च महापुरुष योग देने वाला ग्रह निर्बल हो जाता है|
इसके अलावा भी कई कारण है इस योग के भंग होने का लेकिन उसे हमने विभिन्न महापुरुष योग के आर्टिकल में विस्तार से समजाया है|
पञ्च महापुरुष योग का फल कब मिलता है(fructification of panch mahapurush yoga)
पञ्च महापुरुष योग का फल इतना अच्छा है की किसीभी जातक के जीवन में ये अचानक से बदलाव लाने के लिए काफी है| पञ्च महापुरुष योग का फल विभिन्न प्रकार से मिलता है| लेकिन जब भी पंच महापुरुष योग देनेवाले ग्रह की महादशा या फिर अंतर दशा आयेगी उस समय इस योग का फल अनुभूत होगा| कई बार इस तरह के योग की अनुभूति पुरे जीवन होती है या कई बार पुरे जीवन में कभी भी नहीं होती| यह सब परिस्थिति जन्म पत्रिका के ग्रहों की स्थिति और दशा के पैटर्न पर आधारित होती है |
FAQ – Panch Mahapurush Yoga – पंचमहापुरुष योग
पंच महापुरुष योग वैदिक ज्योतिष में एक योग है जिसमें पांच विशिष्ट ग्रह शामिल होते हैं: मंगल, बुध, बृहस्पति, शुक्र और शनि। जब इनमें से कोई एक ग्रह बलवान हो और अपनी ही राशि में, उच्च राशि में, या अपने ही घर में, लग्न से केंद्र में स्थित हो, तो यह पंच महापुरुष योग बनाता है।
पाँच महापुरुष योग हैं:
रूचक योग (मंगल से सम्बंधित)
भद्र योग (बुध से सम्बंधित)
हंस योग (बृहस्पति से सम्बंधित)
मालव्य योग (शुक्र से सम्बंधित)
शश योग (शनि से सम्बंधित)
पंच महापुरुष योग संबंधित ग्रह के गुणों से संबंधित महत्वपूर्ण शक्ति और शुभता प्रदान कर सकता है। उदाहरण के लिए, रूचक योग में मंगल महान नेतृत्व क्षमताओं और शारीरिक शक्ति का संकेत दे सकता है, जबकि हंस योग में बृहस्पति ज्ञान और आध्यात्मिक विकास का संकेत दे सकता है।
यह निर्धारित करने के लिए कि क्या आपके पास पंच महापुरुष योग है, आपको अपनी जन्म कुंडली में मंगल, बुध, बृहस्पति, शुक्र या शनि की स्थिति की जांच करने की आवश्यकता है। यदि इनमें से कोई भी ग्रह पहले बताए अनुसार मजबूत और स्थित है, तो आपके पास पंच महापुरुष योग हो सकता है।
पंच महापुरुष योगों को ज्योतिष में महत्वपूर्ण योग माना जाता है, लेकिन व्यक्तिगत जन्म कुंडली में उनकी घटना भिन्न-भिन्न हो सकती है। हर किसी के पास पंच महापुरुष योग नहीं होगा, क्योंकि यह चार्ट में ग्रहों की विशिष्ट स्थिति पर निर्भर करता है।
हालाँकि पंच महापुरुष योग महत्वपूर्ण शक्तियों और शुभता का संकेत देते हैं, लेकिन वे अपने आप में सफलता की गारंटी नहीं देते हैं। जीवन में सफलता अन्य ग्रहों के योग, व्यक्तिगत प्रयास, समय और बाहरी परिस्थितियों सहित विभिन्न कारकों से प्रभावित होती है।
इस लेख में हमने आपसे पंचमहापुरुष योग की विस्तार से जानकारी दी है। अगर आपको यहा दी गयी जानकारी संदर्भ मे कोई भी प्रश्न या सुझाव है तो आप नीचे दिये गए कमेंट बॉक्स मे हमसे संपर्क कर सकते है| हमारे अन्य महत्वपूर्ण लेख नीचे दिये जिसे आप पढ़ सकते है|
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