(diabetes and its symptoms): डायबिटीज जो कि हिन्दीमे मधुमेह के नाम से जाना जाता है उस पर हाल ही में राजेन्द्रप्रसाद सेन्टर फॉर ओप्थाल्मिक साइंस और आल इंडिया इंस्टिट्यूट ऑफ़ मेडिकल साइंस (Rajendra Prasad Centre for Ophthalmic Sciences, All India Institute of Medical Sciences) के द्वारा 2015 से लेकर 2019 तक एक survey किया गया|उस सर्वेमे पूरे भारत में डायबिटीज के दर्दी कितने है?( HOW much DIABETES PATIENT in INDIA) उसके के आंकड़े निकालने की कोशिश की| उस सर्वे में जो भी आंकड़े मिले वो थोडे चौकाने वाले है |
2015 से 2019 तक का जो सर्वे किया गया उसमे भारत में 11.8% लोग डायबिटीज के मरीज़ है| आज के इस लेख के माध्यम से हम डायबिटीज क्या होताहै (what is DIABETES?) डायबिटीज के लक्षण क्या होते है? (SYMPTOMS OF DIABETES), उसके कितने प्रकार होते है( TYPES OF DIABETES ), डायबिटीज चेक करने केलिए कोनसा रिपोर्ट करना चाहिए ( Which test should be done to check for diabetes?), डायबिटीज के मरीज़ को क्या सावधानी रखनी चाहिए(CARE FOR DIABETES PATIENT) और कोनसा DIET PLAN अपनाना चाहिए जैसी कई बाते आपसे साँझा करेंगे हमें आशा है की आपको हमारा यह लेख पसंद आएगा| अगर लेख अच्छा लगे और पसंद आये तो अन्य लोगो से शेयर अवश्य करना|
मधुमेह क्या होताहै? (what is DIABETES?
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हम हो भी कुछ खातेहाई उससे हमारे शरीर में खून बनता है ये हम सब जानते है| उसी खून में सुगर (glucose) की भी एक निश्चित मात्रा होती है,जो की ब्लड के साथ बहती है| शरीर का रचनात्मक और क्रियात्मक एकम कोष है| कोष(cell) जो की ब्लड में से सुगर(glucose) को अपने अन्दर लेता है| बाद में सुगर(glucose) का विघटन होकर ऊर्जा बनती है| ब्लड में दो और भी होरमोन होते है इन्सुलिन (insulin) और ग्लूकागन(glucagon).
इन्सुलिन(insulin) से शरीर में सुगर की मात्रा नियंत्रित होती है और अगर अधिक हो जाए तो उसे अकम करने का कार्य भी insulin करता है| ग्लूकागन (glucagon) से शरीर में सुगर बनता है वह सुगर्की मात्रा कम होने पर उसकी पूर्ती करता है| शरीर में जब भी इन्सुलिन (insulin) उत्पन्न होना बांध या फिर कम हो जाता है तब blood में सुगर की मात्र बढ़ जाती है| सीधे तरीके से कहे तो शरीर में insulin न बनना और सुगर की मात्रा का बढ़ना ही डायबिटीज है|
डायबिटीज के लक्षण क्या होते है?(
DIABETES AND IT’S SYMPTOMS)
भूख अधिक लगाना (polyphgia): ब्लड में सुगर की मात्र अधिक होने से कोष(सेल) और मसल्स क्रम से चर्बी और प्रोटीन का अधिक उसे करते है और उसी की वजह से शरीर का वजन कम होता है और भूख अधिक लगती है|
बार बार पेशाब के लिए जाना (glycosuria and polyuria):ब्लड किडनी में से फ़िल्टर होकर निकालता है तव सुगर उसमे से फ़िल्टर होकर अलग से निकालता है और उसीका निकाल करने के लिए बार बार पेशाब के लिए जाना पड़ता है|
प्यास अधिक लगाना (polydipsia): अधिक बार पेशाब जोने की वजह से शरीर में से पानी कम हो जाता है और उसीकी पूर्ती के लिए बार बार शरीर को पानी की जरूरत होती है|
इसके अलावा भी कई लक्षण है जैसे की, इजा का जल्द से न मिटाना, हाथ और पैरो में खुजली जैसी अनुभूति होनी, और कम दिखाई देना|
डायबिटीज के प्रकार (TYPES OF DIABETES)
आम तौर पर डायबिटीज के दो प्रकार होते है| लेकिन एक तीसरा प्रकार भी होता है जिसमे प्रेगनेंसी के दौरान महिला के शरीर में सुगर की मात्रा बढ़ जाती है| लेकिन वह प्रसूति के बाद सामान्य हो जाता है| मुख्य रूपसे दो प्रकार है डायबिटीज के type 1 diabetes और type 2 diabetes
Type 1 DIABETES AND SYMPTOMS
मधुमेह के इस प्रकार में कूल प्रतिशत के 10% लोग सामिल होते है| type 1 diabete के मरीज़ के शरीर में जो insulin बनना होता है वो नहीं बन रहा होता है, इस वजह से insulin की कमी होती है और ब्लड में शुगर बढ़ जाता है|
Type 1 DIABETES AND SYMPTOMS
इस मधुमेह के प्रकार में मरीज़ के शरीर में insulin बन रहा होता है लेकिन उसकी मात्रा कम होती है जिसकी वजह से ब्लड में शुगर की मात्रा नियंत्रित नहीं हो सकती और सुगर बढ़ जाता है|
दोनों प्रकार के डायबिटीज में सुगर बढ़ जाता है तो वह diabetes complications करते है|
डायबिटीज चेक करने केलिए कोनसा रिपोर्ट करना चाहिए (diagnosis of diabetes and its symptoms)
मधुमेह को चेक करने के लिए विभिन्न संस्थाओ के द्वारा अलग अलग मापदंड का प्रयोग करते है| उसमे लगभग से चार प्रकार काफी विख्यात है| पहला है बिनाखाये 8 घंटे के बादका सुगर report, उसमे 100-125 mg/dl को prediabetes और उससे अधिक सुगर लेवल को diabetes कहा जाता है| दुसरे report में कभी भी report करने पर अगर सुगर का लेवल 200 से अधि आये तब भी डायबिटीज होने की संभावना बन जाती है|
तीसरा तरीका है भारत में काफी प्रयोग में लाया जाता है, जिसमे खाली पेट और खाने के दो घंटे बाद report किया जाता है| उसमे खाने के बाद सुगर की मात्रा 140 से अधिक आये तो वह स्थिति चिंता जनक बन सकती है|
चौथा तरीका है HbA1C रिपोर्ट, इसमे आपके पिछले तिन माह का सरेराश होता है| इस report में डायबिटीज का लेवल दिखाय होता है अगर डायबिटीज,
- 4 से 6 % के बिच हो तो डायबिटीज नहीं होता है|
- 6 से 7% के बिच में हो तब इसे शुरुआत मानी जाती है|
- 7 से 8% के बिच में हो तो अभी कण्ट्रोल में है|
- 8% से अधिक हो तब तत्कालीन डोक्टर की सलग लेने की है|
care for diabetes and symptoms
मधुमेह एक ऐसा असाध्य और राजरोग रोग है जो एकबार हो जाने के बाद जीवनभर इससे मुक्ति नहीं पायी जा सकती लेकिन, अगर इसमे भी थोड़ी सावधानी रखी जाए तो आसानी से सामान्य जीवन जिया जा सकता है| पहले मधुमेह के दर्दी के पास आज जेसे सुगर फ्री प्रोडक्ट नहीं थे इसीलिए उअके लिए जीना मुश्किल था लेकिन आज ऐसा नहीं है| आज आसानी से आप किसी भी खाद्य पदार्थ को उसी रूप में सुगर फ्री बना सकते हो| इसी लिए डायबिटीज के मरीज़ को अपने जीवन से सुगर को अलविदा कर सुगर फ्री अपनाना चाहिए|
DIABETES PATIENT के मन में सबसे अधिक कोई प्रश्न होता है तो वह insulin इंजेक्शन के बारे में होता है की इसे लेना चाहिए या नहीं और ये बाद में छोड़ सकते है या नहीं| इसका आसन भाषामे जवाब और हमारा सुजाव यह है की आपको insulin लेना चाहिए, टेबलेट का लम्बे समय के बाद ख़राब प्रभाव होता है जब की insulin का दुष्प्रभाव नहीं होता है| type 1 diabetes patient को insulin लेना आवश्यक है और इसे लेने में भी कोई हिचक या दर नहीं रखना चाहिए|
डायबिटीज के मरीज़ को क्या खाना चाहिए?(WHICH FOOD IS GOOD FOR DIABETES PATIENT)
ब्लड में सुगर की मात्रा खाने में सुगर अधिक होने की वजह से बढाती है इसलिए अधिक सुगर वाले खाद्य पदार्थ का सेवन नहीं करना चाहिए| इसके अलावा हर खाने का एक Glycemic Index (GI) होता है इसमे जिसका भी इन्डे 55 से कम हो वे डायबिटीज के मरीज़ के लिए खाना अच्छा होता है|
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