भारत में MSME की शुरुआत 2007 से हुई थी उससे पहले यह डिपार्टमेंट Small Scale and Agro and Rural Industries के नाम से जाना जाता था| 2006 में एक कानून के तहत इसे MSME में कन्वर्ट किया गया था| अभी 2020 की स्थिति पर MSME मिनिस्ट्री में नितिन गडकरी मिनिस्टर के रूप में कार्य कर रहे है|
MSME क्या है? (What is MSME?)
MSME: Micro, Small, and Medium Enterprise
Full form
भारत में 2006 में पास हुए MSMED Act, 2006 के आधार पर कौन MSME कंपनी है और कौन लार्ज कंपनी है उसे तय किया जाता है| भारत में GST आने के बाद इसमे कैबिनेट में सुधार करने के लिए प्रस्ताव भी पास हो चूका है लेकिन वह संसद में अभी नहीं लाया गया है इसी वजह से 2006 के act के आधार पर ही MSME और large कम्पनी तय होती है|
MSME में दो तरह की केटेगरी होती है|
- Manufacturing Enterprise in MSME
- Service Enterprise in MSME
Manufacturing Enterprise in MSME
इसमे भी तिन प्रकार के Micro, small, and Medium ऐसे तिन प्रकार के एंटरप्राइज होते है| अभी 2006 के act के आधार पर इनके इन्वेस्टमेंट के आधार पर यह तय किया जाता है की कोनसी एंटरप्राइज कीस क्षेत्र में आती है| अधिक इनफार्मेशन के लिए आप निचे का कोष्टक देख सकते है|
प्रकार (Types of MSME in Manufacturing ) | इन्वेस्टमेंट(Investment) |
Micro Manufacturing Enterprise | 25 लाख से कम |
small Manufacturing Enterprise | 25लाख से 5 करोड़ |
Medium Manufacturing Enterprise | 5 करोड़ से 10 करोड़ |
Service Enterprise in MSME
MSME में Service Enterprise के लिए अलग नियम है क्योंकि इसमे मशीनरी की इन्वेस्टमेंट काफी कम होती है| Service Enterprise के लिए कितने रुपये इन्वेस्टमेंट होने पर Micro, small, and Medium Service Enterprise माना जायेगा यह MSMED Act 2006 के आधार पर तय किया जाता है| अधिक इनफार्मेशन और आसानी से समजने ले लिए निचे के कोष्टक को आधार पर ले सकते है|
प्रकार (Types of MSME in Service) | इन्वेस्टमेंट(Investment) |
Micro Service Enterprise | 10 लाख से कम |
Small Service Enterprise | 10 लाख से 2 करोड़ |
Medium Service Enterprise | 2 करोड़ से 5 करोड़ |
क्या यह MSME मॉडल अच्छे से कार्य करता है|
MSME में कम्पनी का होना काफी फायद पंहुचाता है| उससे गोवेर्नमेंट से मिलने वाले लाभ काफी बढ़ जाते है और इसी वजह से कई कम्पनी खुद लार्ज होने के बावजूद भी डाटा को छुपाती है और MSME में ही रह कर उसके लाभ लेती है| अभी MSMED Act 2006 है उसमे थोड़ी कमी है जिसे नए क़ानून के जरिये गवर्नमेंट सुधार करेगी|
भारत में GST लागू होने के बाद सरकार के पास कम्पनी के सर्विस और manufacturing क्षेत्र का सभी डाटा सरकार के पास होता है | इसी लीये नए कानून के जरिये सरकार MSME जो अभी इन्वेस्ट के आधार पर तय कीजाती थी उसे बिक्री के आधार पर तय करेगी| आज यानी 8 मई 2020 tak यह क़ानून लागू नहीं हुआ है लेकिन शायद बहोत ही जल्द यह लागू भी हो जाएगा|
अभी का जो सिस्टम है वह अच्छे से accuracy के साथ काम नहीं करता है और इसी की वजह से सरकार के पास प्रॉपर इनफार्मेशन नहीं है|
अभी भारत में कितनी MSME है?
अभी भारत में 6.33करोड़ से भी अधिक MSME है| जो की आनेवाले समय में बढाती रहेगी| उसमे से 51% MSME रूरल क्षेत्र में है और 49% अर्बन क्षेत्र में है| इन सभी MSME से भारत में केवल 11 करोड़ ही नौकरिया बनती है, जो कि पर MSME के हिसाब से दो व्यक्ति को काम पर रखती है| इसी बात से अंदाजा लगाया जा सकता है की यह MSME कितनी छोटी है|
MSME में जो भी 6.33करोड़ से अधिक रजिस्ट्रेशन है उसमे 99 % कम्पनी small केटेगरी में रजिस्ट्रेशन है जो की उत्पादन और एम्प्लॉयमेंट के नजरिये से काफी कम है|
MSME के फायदे क्या हैं?
MSME के फायदे निम्नलिखित हैं-
सरकार के द्वारा कुछ ऐसी स्कीम निकाली जाती है जो MSME में ही लाभ देती है| इस तरह की स्कीम का लाभ म्समे में रजिस्टर्ड कम्पनी को आसानी से मिलता है|
भारत सरकार के द्वारा MUDRA स्कीम चलाई जाती है जिसमे लघु उद्योग, के लिए लोन दी जाती है| MSME में रजिस्ट्रेशन होने से मुद्रा लोन में लाभ होता है और आसानी से लोन मिल सकता है|
MSME में रजिस्ट्रेशन होने से सब्सिडी, GST में छुट, और टैक्स में भी बेनिफिट होता है|
इसके बाद आप विदेशी एक्सपो कार्यक्रम में भी भाग लेने में आसानी होगी और सरकार भी आपकी मदद करेगी|
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