शहीद दिवस कब मनाया जाता है? | Shaheed Diwas 2021

शहीद दिवस कब मनाया जाता है?

शहीद दिवस कब मनाया जाता है: किसी भी देश के इतिहास में उनके शहीदों को विशेष सन्मान दिया जाता है क्योंकि उन लोगो ने अपनी जान देकर अपने देश एवम देश के लोगो की रक्षा की होती है| ऐसे शहीदों के सन्मान में तकरीबन सभी देश वार्षिकी तौर पर कुछ न कुछ करते है जिसे देश के लोगो में भी उनके प्रति और देश के प्रति सन्मान बढे|

भारत में भी आजादी की इस लड़ाई में कई लोग शहीद हुए है| साथ ही उनके अलावा पुलिसकर्मी भी सेवा के दौरान शहीद हुए है| इन सभी को सन्मान देने और भारतवासी को इनके और देश के प्रति एक देश प्रेम जागृत हो इस लिए शहीद दिवस मनाया जाता है|

भारत में शहीद दीन मनाने की तारीख?

एक वर्ष में शहीद दिन भारत में कुल छह बार मनाया जाता है| यह सभी शहीद दिन भारत के अलग अलग स्वातंत्र्य सेनानी के सन्मान में मनाये जाते है| यहाँ हमने भारत में मनाये जाने वाले सभी शहीद दिन की विस्तार से जानकारी प्रदान की है|

शहीद दिनतारीख
शहीद दिन(गांधीजी की पुण्यतिथि)30 जनवरी
शहीद दिन(सुखदेव, भगतसिंह और राजगुरु)23 मार्च
शहीद दिन (सीआरपीएफ के शहीदों के लिये)21 अक्टूबर
शहीद दिन( लाला लाजपत राय की स्मृति में )17 नवम्बर
शहीद दिन(रानी लक्ष्मीबाई का जन्मदिवस)19 नवम्बर
शहीद दिन(प्रताप सिंह बारहठ का बलिदान)27 मई

30 जनवरी को शहीद दिन क्यों मनाया जाता है?

साल का सबसे पहला शहीद दिवस 30 जनवरी को मनाया जाता है| दरअसल यह शहीद दिवस गांधीजी की पुण्यतिथि के याद में मनाया जाता है| गांधीजी ने अपने जीवन में भारत के लिए जो योगदान दिया वह अतुल्य है| इसी दिन यानी 30 जनवरी को नाथूराम गोडसे द्वारा गांधीजी को गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी|

30 January Shaheed Divas (Gandhiji Punya Tithi)

गांधीजी की इस पुण्यतिथि के सन्मान के रूप में शहीद दिन मनाया जाता है| गांधीजी ने अपने जीवन से एक विशेष संदेश दिया है| शान्ति और अहिंसा का संदेश| 1915 में भारत में लौटकर जब उन्होंने भारतवासी की दयनीय स्थिति देखि तो उन्होंने भारत को अंग्रेजो के शाशन से मुक्त कराने का निश्चय किया| इस निश्चय के कारण भारत में अहिंसा के आधार पर एक क्रान्ति शुरू हुई| यह क्रांति आगे आगे जाके भारत को आजाद कराने में काफी मददरूप बनी|

गांधीजी के इस प्रयत्न से भारत के लाखो नवयुवक एवम पुरुष और बच्चो के जीवन में बदलाव आया| गांधीजी का भारत को आजाद कराने में अहम् रोल होने के कारण उन्हें “महात्मा” एवम “राष्ट्रपिता” के रूप में जाना जाता है|

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23 मार्च को शहीद दिवस क्यों मनाया जाता है?

भारत में 23 मार्च को सुखदेव, राजगुरु और भगतसिंह के सन्मान में शहीद दिवस मनाया जाता है| इन तीनो स्वातंत्र्य सेनानी को 23 मार्च के दिन अंग्रेजो के द्वारा फांसी दे दी गयी थी| तीनो स्वातंत्र्यवीर भगत सिंह, शिवराम राजगुरु और सुखदेव थापर ने अंग्रेजो से लाला लाजपत राय पर की गयी लाठी चार्ज का बदला लेने के लिए इंकलाब जिंदाबाद के नारे लगाते हुए केन्द्रीय विधानसभा में बम फेंका था|

दरअसल भगतसिंह के पिता ग़दर पार्टी के सदस्य थे, भगतसिंह एक साहसिक कार्यकर थे| वे युवाओं में जोश जगाने और प्रेरणा का कार्य करते थे| जबी लाला लाजपत राय पर अंग्रेजो ने लाठी चार्ज किया तब उनसे बदला लेने हेतु भगतसिंह ने अपने साथी मित्रो सुखदेव, राजगुरु और जय गोपाल, के साथ मिलकर  8 अप्रैल, 1929 के दिन विधानसभा में बम फेंका| बाद में हत्या के मुकदमे में उन्हें 23 मार्च 1931 को लाहौर जेल में फांसी की सजा दी गयी|

यह फांसी की सजा देश के अन्य लोगो में आज भी काफी देशप्रेम को जगाता है| उन्हें सन्मान देने हेतु हर साल 23 मार्च को देश में शहीद दिन मनाया जाता है|

21 अक्टूबर शहीद दिन क्यों मनाया जाता है?

हर साल 21 अक्टूबर को पुलिस शहादत दिन मनाया जाता है| यह दिन सीआरपीएफ के शहीदों के लिये मनाया जाता है| 1959 में भारतीय पुलिस की एक छोटी सी टुकड़ी ने लद्दाख जैसे दुर्गम क्षेत्र में भारतीय सीमा की रक्षा के लिए अपने प्राण दिए the और शहीद हुए थे| उस दिन से लेकर आज तक 21 अक्टूबर की “शहादत दिवस” या “शहीद दिन” के रूप में जाना जाता है|

17 नवम्बर शहीद दिन क्यों मनाया जाता है?

लाला लाजपत राय एक क्रांतिकारी थे जिनके साथ उस समय कई तरह के लोग और युवा जुड़े हुए थे| वह एक प्रमुख स्वतंत्र सेनानी थे| उन्हें पंजाब केसरी के नाम से भी पहचाना जाता था| अंग्रेजो के द्वारा लाला लाजपत राय की लाठी के द्वारा 17 नवम्बर 1928 के दिन शहीद हुए थे|

19 नवम्बर शहीद दिन क्यों मनाया जाता है?

1857 में जिस क्रांतिकारी महिला ने अंग्रेजो को अपने पराक्रम से स्तब्ध कर दिया था ऐसी झाँसी की वीरांगना के जन्म दिन की याद में 19 नवम्बर शहीद दिन मनाया जाता है|

शहीद दिवस कैसे मनाया जाता है?

शहीदों को सन्मान देने के लिए शहीद दिन मनाया जाता है| हर साल शहीद दिवस को भारत के प्रमुख नेता जैसे की राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, और सेना के प्रमुख द्वारा योग्य स्थलों पर जाकर शहीद को श्रद्धांजलि अर्पित करते है|

30 जनवरी के दिन सुबह हमारे प्रमुख नेता गांधीजी का समाधि स्थल राजघाट पर जाकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते है| बाद में महात्मा गांधी और दुसरे स्वातंत्र्य सेनानी को श्रद्धांजलि देने के बाद मौन, देशभक्ति एवम सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है|

दुसरे शहीद दिनों के कार्यक्रम में उनके अनुचित स्थलों पर भी श्रद्धांजलि दी जाती है और राज्य स्तर पर भी कार्यक्रम का आयोजन की जाता है|

शहीद दिवस के नारे(Shaheed Divas Quotes)

शहीद दिवस के अनमोल वचन | Quotes on Shaheed Din

खून से खेलेंगे होली अगर वतन मुश्किल में है,
सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है।
देश के शहीदो को नमन।

शहीद दिवस के अनमोल वचन

मिटा दिया है वजूद उनका जो भी इनसे भिड़ा है,
देश की रक्षा का संकल्प लिए जो जवान सरहद पर खड़ा है।

Shaheed Divas Quotes in Hindi

अपनी आज़ादी को हम हरगिज भुला सकते नहीं,
सर कटा सकते है लेकिन सर झुका सकते नहीं।

Hindi Quotes of Shaheed Divas

सैकड़ो परिंदे आसमान पर आज नज़र आने लगे,
शहीदो ने दिखाई है राह उन्हें आजादी से उड़ने की।

शहीद दिवस के अनमोल वचन

वतन की मोहब्बत में खुद को तपाये बैठे है,
मरेंगे वतन के लिए शर्त मौत से लगाये बैठे हैं।

शहीद दिन के विचार

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