List of Herb in Hindi with Benefits | औषधि की सूचि व उपयोग

List of Herb in Hindi with Benefits | औषधि की सूचि व उपयोग: आयुर्वेदिक विज्ञान से हम सभी परिचित है| हम सब जानते है की आयुर्वेद में काफी शक्ति है जो सभी प्रकार के रोगों से हमें मुक्त करा शकता है| आयुर्वेद में कई तरह की औषधि के विषय में ज्ञान बताया गया है| आज के इस लेख के माध्यम से हम आपसे आपके साथ औषधि की सूचि व उपयोग(List of Herb in Hindi with Benefits) की जानकारी शेयर कर रहे है|

List of Herb in Hindi with Benefits

Herb(औषधि)Usage and Benefits(उपयोग)
अडूसाअडूसा का उपयोग दम और खांसी की बिमारी को दूर करने में होता है| इसके अलावा पीलिया और खुजली की परेशानी भी अडूसा से दूर होती है|
एलोवेराचर्म रोग, और पुराने दाग को निकालने, जलन में राहत, आँखों की जलन दूर करने, सुजन को दूर करने और सौंदर्य वर्धक पदार्थो मेंउपयोग में लिया जाता है|
अश्वगंधाशरीर की शक्ति को बढाने, ह्रदय सम्बंधित रोग में, नींद ना आने की समस्याओं में और वजन को बढाने में अश्वगंधा का उपयोग होता है|
गुड़हलबाल में से डैंड्रफ की समस्या दूर करने में, स्त्री को प्रदर रोग की समस्या में, इसे उपयोग करना चाहिए|
ब्राह्मीबुखार में राहत, स्मरण शक्ति को बढाने, चर्म रोग और कुष्ठरोग में राहत, आवाज को साफ़ करने में में बहुत लाभकारी है|
पथरचटारक्तवाहिका और रक्तप्रदर में लाभ, सुजन को कम करने, पथरी में राहत दिलाने में काफी उपयोगी होता है|
तुलसीबुखार और खासी में राहत, सर में दर्द हो, चहरे की सुन्दरता बढाने जैसे लाभकारी उपयोग है|
शतावरीधात्रीं महिला में दुघ की मात्रा बढाने, पीलिया में राहत के लिए, टीबी के रोग में और शरीर की दुर्बलता को दूर करने में, रात्री में न दिखाई देने की समस्याओं में भी शतावरी से राहत मिलती है|
वेस्ट इंडियन लेमन ग्रासमुह की दुर्गन्ध को दूर करने, उलटीं को रोकने और शरीर की शक्ति को बढाने के लिए काफी लाभकारी है|
अजवाइन के पानउलटीं को रोकने, कफ-वात जन्य विकारों को दूर करने, अरुचि, कृमि रोग, जैसी समस्या को दूर करने में काफी लाभकारी है|
पुदीनाअरुचि, उलटी, दस्त, और कृमि रोग में, मुह की दुर्गन्ध को दूर करने में, जलन को दूर करने में, बुखार और कफ़ से राहत के लिए, गैस की समस्या से राहत के लिए पुदीना उत्तम औषधि है|
कालमेघसभी प्रकार के ताव, खांसी, पेट की कृमि से राहत, स्वस्थ्य वर्धक टोनिक बनाने, रक्त विकार और सुजन को कम करने में उपयोग होता है|
पिप्पलीसर दर्द, नींद न आने की समस्या से राहत के लिए, खांसी से राहत, एसिडिटीम अरुचि, पांदुरोग, श्वास सम्बंधित समस्या में इसे उपयोग में लिया जाता है|
मीठा नीम(कढ़ी पत्ता)दस्त, वोमिट को रोकने में लाभकारी, घाव के निशान को दूर करने, विषैले जिव के काटने पर राहत के लिए उपयोग किया जाता है|
पान(ताम्बूल पान)मुह से दुर्गन्ध को दूर करने, कफ़ खांसी को दूर करने, सुजन को दूर करने, अरुचि से राहत के लिए, पाचन शक्ति को अच्छी बनाने, शारीरिक शक्ति बढाने के लिए|
हिनाहिना के पान से मुह के छालें में राहत, हाई ब्लड प्रेशर में राहत, बाल की समस्या से राहत के लिए, चर्म रोग में राहत के लिए
निर्गुन्डीदर्द से राहत के लिए, स्नायु कोई जकडन दूर करने, जोड़ो का दुखाव दूर करने के लिए, दाद से राहत के लिए, सुजन कम करने में काफी लाभकारी है निर्गुन्डी
बिल्वदम और श्वास सम्बंधित अन्य परेशानी को दूर करने, शरीर की दुर्गन्ध को दूर करने, गर्मी से बचने के लिए बिल्व काफी लाभकारी है|
शंखपुष्पीबुद्धि को बढाने, चर्म रोग में राहत के लिए, बालो की लम्बाई बढाने, पागलपन , अशक्ति और अरुचि में काफी लाभकारी है|
भृंगराजकफ़ युक्त खांसी, एसिडिटी, सर दर्द, और बाल को मजबूत बनाने के लिए यह काफी लाभकारी है|
गिलोयसंधिवात में राहत के लिए, कफ़ की बिमारी से राहत के लिए, बुखार और मधुमेह जैसे रोग में भी गिलोय काफी लाभकारी है|
जीवनीदस्त में यह काफी लाभकारी है, इसके अलावा दृष्टि शक्ति की वृद्धि के लिए, शारीरिक शक्ति को बढाने, क्षय के रोग में भी राहत देती है यह औषधि|
आंवलानींद न आना, पसीना न आना, प्यास न बुझती हो, आवाज बैठ गया हो, विटामिन c की कमी हो, पांडू रोग जैसे रोग में भी आंवला काफी लाभकारी औषधि है|
सहजनश्वास सम्बंधित समस्या और हिचकी में यह काफी लाभकारी है| इसके अलावा पेट सम्बंधित रोग, अरुचि, वायु, कृमि रोग, जैसे रोग में सहजन काफी लाभकारी है|

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