Ghan Jivamrut kaise Banaye: क्या आह जानते है की घन जीवामृत बनाने की विधि क्या है? यहाँ हमने आपसे Ghan Jivamrut kaise Banaye उसकी जानकारी दी है|
Ghan Jivamrut in Hindi
प्राकृतिक खेती में के खाद के रूप में जीवामृत, घन जीवामृत, अग्निअस्त्रम दशपर्णी अर्क, बिजामृत, निमास्त्र, ब्रह्मास्त्र इत्यादि का उपयोग होता है जिसमे हमने यहाँ आपसे आपसे घन जीवामृत कैसे बनाए उसकी जानकारी दी है| अगर आपने जीवामृत कैसे बनाए उसकी विधि नहीं पढ़ी है तो सबसे पहले आपको इसे बनाने की विधि पढ़नी चाहिए| जीवामृत बनाने की विधि पढ़ने के लिए यहाँ क्लीक करे|
Ghan Jivamrut kaise Banaye | घन जीवामृत बनाने की विधि
ghan जीवामृत बनाने की तिन विधि प्रचलित है| यहाँ हमने आपसे घन जीवामृत बनाने की तीनो विधि की आपसे जानकारी शेयर की है जिससे आप किसी भी सरल विधि को अपनाकर खेती में अधिक लाभ ले सके|
घन जीवामृत बनाने की प्रथम विधि
सबसे पहले 200 किलोग्राम देशी गाय को गोबर लीजिये जो की सूर्यप्रकाश में सुखाया हो| अब उसे अच्छे से छन्नी के द्वारा छान लीजिये| अब उसके ऊपर जीवामृत का अच्छे से छंटकाव करे और अच्छे मिक्स करे|
अब इस मिश्रण को 48 घंटे तक छाव में सुखाये| याद रखे यह इस तरह से सुखाये की सुखाने के बाद यह पतली पपड़ी बने|
यह स्तर को दिन में दो से तिन बार ऊपर निचे करना पड़ता है| जब यह सम्पूर्ण रूप से सुख जाए तब अच्छे से कुचल कर पाउडर के रूप में बना दे|
अब इसे बैग में भरके जमीन से ऊपर लकड़ी से बने मंच पर रखे|
घन जीवामृत बनाने की दूसरी विधि
100 किलोग्राम गाय के गोबर में 2 लीटर जीवामृत को अच्छे से मिक्स करे| अब इसमे 1 किलोग्राम देशी गुड और 1 किलोग्राम बेसन को अच्छे से मिक्स करे|
एक बार जब मिश्रण तैयार हो जाए तब उसे 48 घंटे छाँव में सुखाये | अब दिन में 3 से 4 बार उसे ऊपर निचे करे जिससे अच्छे से सभी और से सुख जाए|
यह मिश्रण की पपड़ी को कुचल कर भूकी के रूप में परिवर्तित करे| और इसे बेग में भरके जमीन से ऊपर लकड़ी से बने मंच पर रखे|
घन जीवामृत बनाने की तीसरी विधि
यह विधि के माध्यम से घन जीवामृत बनाने के लिए “गोबर गैस” के वेस्टेज के रूप में निकालता गोबर उपयोग में लिया जाता है|
उस वेस्टेज को ताप में सुखाने के बाद कुचल कर पाउडर के रूप में परिवर्तित करना होता है| अब उस 50 किलोग्राम पाउडर में 50 किलोग्राम देशी गाय का गोबर, 1 किलोग्राम देशी गुड, 1 किलोग्राम बेसन, और 2 लीटर जीवामृत को मिक्स करे|
एक बार जब मिश्रण तैयार हो जाए तब उसे 48 घंटे छाँव में सुखाये | अब दिन में 3 से 4 बार उसे ऊपर निचे करे जिससे अच्छे से सभी और से सुख जाए|
यह मिश्रण की पपड़ी को कुचल कर भूकी के रूप में परिवर्तित करे| और इसे बेग में भरके जमीन से ऊपर लकड़ी से बने मंच पर रखे|
घन जीवामृत का कब और कैसे उपयोग करे?
घन जीवामृत के उपयोग को करने के लिए कुछ बातो का ध्यान रखना आवश्यक है| यहाँ हमने आपसे उसके उपयोग के सम्बंधित जानकारी आपसे शेयर की है|
इसे खेत की अंतिम जुताई के बाद या उससे पहले प्रति एकर में 200 किग्रा के अनुसार दिया जाता है| इसे रासायनिक खाद के जैसे रोपण के साथ भी दिया जा सकता है|
घन जीवामृत संबधित महत्वपूर्ण जानकारी
यहाँ निचे हमने आपसे “घन जीवामृत संबधित कुछ महत्वपूर्ण जानकारी” आपसे शेयर की है| इसे अवश्य पढ़े|
- अगर इसे जहा संगृहीत किया गया है वहा अधिक ठंडी हो तब उसे अच्छे से कवर करे|
- इसे जहा संगृहीत किया गया है वहा ज्यादा ठंडी, पानी या वरसाद तथा सूर्य का प्रकाश नहीं आना चाहिए|
- सभी प्रकार के जीवामृत 1 वर्ष तक उपयोग में लिए जा सकते है|
- इसके उपयोग से जमीन की नमी संगृहीत करने की क्षमता बढती है|
यह भी पढ़े:
- प्राकृतिक खेती क्या है?
- जीवामृत कैसे बनाए: यहाँ पढ़े