अनुलोम विलोम प्राणायाम | Anulom Vilom in Hindi | Fayde | Step | सावधानियां

Anulom Vilom in Hindi

क्या आप जानते है अनुलोम विलोम प्राणायाम(Anulom Vilom in Hindi) कैसे किया जाता है? क्या आपको पता है की अनुलोम विलोम करने के फायदे (Anulom Vilom Benefits Hindi)क्या है? क्या आप जानते है की अनुलोम विलोम करने में किन किन बातो का ध्यान रखना चाहिए? अगर आप इन सभी बातो को सही से नहीं जानते है और अनुलोम विलोम प्राणायाम करना चाहते है तो यह लेख आपके लिए है क्योंकि यहाँ पर हमने अनुलोम विलोम प्राणायाम की सभी जानकारी प्रदान की है| जिसे आप Anulom vilom step by step कर सकेंगे|

लोगो में योग के प्रति जागरूकता बढ़ रही है वैसे वैसे लोग योग और प्राणायाम को अपना रहे है| हम सभी जानते है की योग और प्राणायाम करने से शारीरिक और मानसिक दोनों रूप से लाभ होता है| इसी की कड़ी में आज हम आपसे अनुलोम विलोम(Anulom Vilom in Hindi) की जानकारी प्रदान कर रहे है जिससे आप इसका बेहतर लाभ पा सके|

अनुलोम विलोम कैसे करे?
(How to do Anulom Vilom, Guide Step by Step in Hindi)

अगर आपको सही से अनुलोम विलोम करना है तो निचे दिए गए सभी स्टेप को ध्यान से करे ताकि आप इसका बेहतरीन और महत्तम लाभ पा सके |

Step: 1

सबसे पहले एक शांत जगह पर पैरो की चौकड़ी लगाकर बैठे|

योग, प्राणायाम और आसन में पैर की चौकड़ी लगाकर बताने का विशेष महत्व है| लेकिन कुछ परिस्थिति में अगर आप ऐसा नहीं कर पाते तब सामान्य रूप से भी बैठकर अनुलोम विलोम प्राणायाम कर सकते है| लेकिन इसे करने के लिए अगर जगह अच्छी और शांत हो तो आनंद अधिक आएगा|

Step: 2

अब अपने दाएं अंगूठे की मदद से दाहिनी नासिका बंद करे और अपनी बाई नासिका के माध्यमसे से सांस ले

इस स्टेप में अपने दाहिने अंगूठे की मदद से दाहिनी नासिका को हलके से दबाये और इसे बंद करे ताकि सांस वहा से अन्दर ना जाए| बाद में बायीं नासिका के माध्यम से धीरे धीरे सांस अन्दर की और ले और रोकें जितना समय आप रोक सके|

Step: 3

अब अपनी अनामिका उंगली की मदद से अपनी बाई और की नासिका बंद करे| और दाहिनी नासिका के माध्यमसे सांस को धीरे धीरे छोड़े|

इस स्टेप में आपको सांस को बहार निकलना है लेकिन जिस नासिका से सांस लिया था उसके विपरीत नासिका के माध्यम से| पिछले स्टेप में दाहिनी नासिका बंद की थी और बाई नासिका से सांस लिया था| इसलिए इससे विपरीत अब इस स्टेप में बाई नासिका बंद कर दाहिनी नासिका से सांस को छोड़ना है|

Step: 4

अब दाहिनी नासिका से सांस लेने के लिए बाई नासिका को बंद ही रखे| बाद में इस सांस को छोड़ने के लिए दाहिनी नासिका को बंद करे और बाई नासिका से सांस को छोड़े|

अनुलोम विलोम प्राणायाम में यह एक बात काफी महत्वपूर्ण है की पिछली बार जिस नासिका से सांस को छोड़ा गया था अगली बार उसी नासिका से सांस को अन्दर की और लेना है| और बाद में उसके विपरीत नासिका से उसे छोड़ना भी है|

Note: अनुलोम विलोम प्राणायाम(Anulom Vilom in Hindi) में पहले जिस नासिका से सांस ली हो उसके विपरीत नासिका से सांस को छोडे दे| बाद में पहली बार जिस नासिका से सां को छोड़ा हो उसी नासिका के माध्यम से सांस को अन्दर ले और विपरीत नासिका के माध्यम से सांस को छोड़े|

अनुलोम विलोम के फायदे
(Anulom Vilom Benefits in Hindi)

अनुलोम विलोम को प्राणायाम में सबसे अधिक महत्व प्राप्त है इसे कराने की सरलता के कारण यह काफी प्रचलित है तो इसके फायदे भी बेशुमार है| यहाँ पर हम इसके कुछ लाभ आपको दे रहे है जिससे आपको थोडा मोटिवेशन मिले|

  • यह सांस से जुडी हुई एक कसरत है| जिससे श्वसन प्रक्रिया में सुधार होता है| श्वसनतंत्र के साथ यह आपके फेफड़े को भी मजबूती प्रदान करता है|
  • यह प्राणायाम करने से श्वसन तंत्र को अपेक्षित ऑक्सीजन प्राप्त होता है| जिससे रक्त की शुद्धि अच्छे से होती है मसल्स भी मजबूत बनते है|
  • गठिया जैसी समस्याओं में भी अनुलोम विलोम काफी लाभकारी है|
  • पाचन तंत्र मजबूत बनता है| खुराक को आसानी से पचाया जा सकता है जिससे अतिरिक्त कैलोरी बर्न करने में और वजन को घटाने में मदद मिलती है|
  • इससे रोग प्रतिकारक शक्ति भी बढाती है और बदलते मौसम की वजह से आसानी से बीमार नहीं पड़ते|
  • इसका सबसे बढ़िया लाभ यह है की यह तनाव और डिप्रेशन को दूर करने और मन की शान्ति के लिए काफी लाभकारी है| इसे दिन में सुबह करने से एक अद्भुत शान्ति का अहसास होता है|
  • हार्ट के मरीज के लिए भी यह लाभकारी है|

अनुलोम विलोम प्राणायाम करते समय रखे यह सावधानि

योग और प्राणायाम कराने के लिए कुछ सावधानिय भी रखनी आवश्यक है| इसी लिए यहाँ पर हम आपको अनुलोम विलोम प्राणायाम करते समय किन किन सावधानियो को रखनी चाहिए उसे बता रहे है| अगर आप यह गलतिय कर रहे है तो आज ही in गलतियों को सुधारे वरना आप इसका सही लाभ नहीं ले पायेंगे|

  • सांस को जोर से अन्दर की और न खींचे| इसे हलके हलके से अन्दर की और खींचे ताकि सांस का विस्तार हो पाए अन्यथा सांस का विस्तार नहीं हो पायेगा|
  • सांस लेने के की अवधि और छोड़ने के अवधि का नियंत्रण रखे| जैसे की सांस लेने में अगर पांच सेकेंड लगते है तो उसे छोड़ने में उससे अधिक समय लगाना चाहिए| जिससे प्राणायाम का सही लाभ मिल सकेंगा|
  • सांस रोकने के प्रक्रिया जिसे कुंभक कहते है उसमे किसी भी तरह से बलपूर्वक सांस नहीं रोकना चाहिए| सामन्य सांस रोके लेकिन इस रोकने की अवधि को धीरे धीरे बढाए|

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यहाँ पर हमने पासे अनुलोम विलोम के फायदे, सावधानिय और स्टेप बाय स्टेप कैसे करे उसकी विस्तार से जानकारी दी है अगर आपको कोई सवाल है तो कमेंट कर अवश्य पूछे| अगर यह लेख पसंद आया हो तो इसे अधिक से अधिक लोगो के साथ शेयर करे धन्यवाद|

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